नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति MPC ने शुक्रवार को रेपो रेट को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.90 कर दिया। MPC के प्रमुख RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुद्रास्फीति को कम करने के लिए ये कदम उठाया है।
उनके अनुसार बुवाई का रकबा कम होने से गेहूं, चावल और दालों पर कीमतों का दबाव हो सकता है। सब्जियों के दाम भी बढ़ सकते हैं। महंगाई दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है। दास ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद यानि GDP पहली छमाही में साल-दर-साल 13.5 प्रतिशत बढ़ा।
वास्तविक GDP सात फीसदी रहने का अनुमान है। आर्थिक गतिविधि सही ढंग से चल रही हैं और निवेश बढ़ रहा है। बैंक क्रेडिट भी बढ़ा है। विनिर्माण क्षेत्र में क्षमता उपयोग में वृद्धि हुई है जबकि निर्यात कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रहा है। रेपो रेट बढ़ने से EMI बढ़ने की भी संभावना है।
बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई महंगाई बढ़ने के बाद लगातार चौथी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। 4 मई को रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर 4.40 फीसदी किया गया इसके बाद 8 जून को 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई इसके बाद अगस्त में फिर से 50 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट बढ़ा दिया गया और 30 सितंबर, 2022 को फिर से रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी गई।