नई दिल्ली : संसद की एक स्थायी समिति ने कोरोना महामारी से पहले वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में मिलने वाली छूट को फिर से बहाल करने की सिफारिश की है। भारतीय रेलवे सभी वरिष्ठ नागरिकों को मेल, एक्सप्रेस, राजधानी, शताब्दी, दूरंतो समेत सभी ट्रेनों की सभी श्रेणियों में यह छूट देती थी जिसे 20 मार्च, 2020 से बंद कर दिया गया था। भारतीय रेलवे 60 साल से अधिक आयु के पुरुष यात्रियों को किराये में 40 प्रतिशत की छूट देती थी। जबकि 58 वर्ष या इससे अधिक आयु की महिला यात्रियों को किराये में 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेलवे की स्थायी संसदीय समिति ने संसद के दोनों पटलों पर अपनी यह रिपोर्ट सोमवार को पेश की है। इस समिति ने अपनी पिछली रिपोर्ट में भी यही सिफारिश की थी। समिति ने इसके लिए अनुदान की मांग की है।
संसदीय समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार अब देश कोविड के हालात से उबर गया है और इस राष्ट्रीय परिवहन की आय में वृद्धि सामान्य स्तर की हो गई है। समिति ने यात्री आरक्षण प्रणाली को लेकर 12वीं कार्रवाई रिपोर्ट (17वीं लोकसभा) में यह इच्छा भी जताई है कि वरिष्ठ नागरिकों को कोविड काल से पहले वाली छूट उपलब्ध कराने पर विचार किया जाए। साथ ही कम से कम उन्हें स्लीपर क्लास और 3ए क्लास में यह सुविधा प्रदान की जाए ताकि जरूरतमंद नागरिकों की मदद हो सके। इसीलिए समिति ने स्लीपर क्लास और 3ए क्लास में वरिष्ठ नागरिकों को किराये में छूट देने का आग्रह दोहराया है।
हालांकि इस संबंध में रेलवे का कहना है कि इस छूट को तत्काल बहाल करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। उसका कहना है कि पहले से ही सभी रेल यात्रियों को किराये में 50-55 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।