नई दिल्लीः केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने रविवार को कहा कि बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार चार दिनों के लिए पर्याप्त है, जबकि देश में ताप विद्युत संयंत्रों की मांगों को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला उपलब्ध है। मंत्रालय ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड के पास लगभग 400 लाख टन कोयला उपलब्ध है, जिसकी आपूर्ति बिजली संयंत्रों को की जा रही है। मंत्रालय ने दावा किया कि बिजली आपूर्ति में व्यवधान का कोई भी डर पूरी तरह से गलत है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘कोयला कंपनियों से मजबूत आपूर्ति के आधार पर इस साल घरेलू कोयला आधारित बिजली उत्पादन में लगभग 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बिजली संयंत्रों में दैनिक औसत कोयले की आवश्यकता लगभग 18.5 लाख टन प्रति दिन है, जबकि दैनिक कोयले की आपूर्ति लगभग 17.5 लाख टन प्रतिदिन है।’’
मंत्रालय ने कहा, “लेकिन विस्तारित मानसून के कारण, प्रेषण विवश थे। बिजली संयंत्रों में उपलब्ध कोयला एक रोलिंग स्टॉक है जो कोयला कंपनियों से दैनिक आधार पर आपूर्ति से भर जाता है।’’
मंत्रालय ने आगे कहा, “इसलिए, बिजली संयंत्र के अंत में कोयले के स्टॉक के घटने का कोई डर गलत है। वास्तव में इस साल घरेलू कोयले की आपूर्ति ने आयात को काफी हद तक प्रतिस्थापित कर दिया है।
मंत्रालय ने कहा कि कोयला क्षेत्र के क्षेत्रों में भारी बारिश के बावजूद, सीआईएल ने इस वर्ष बिजली क्षेत्र को 255 मीट्रिक टन से अधिक कोयले की आपूर्ति की, जो कि सीआईएल से बिजली क्षेत्र को अब तक की सबसे अधिक एच-1 आपूर्ति है।
सभी स्रोतों से कुल कोयले की आपूर्ति में से, सीआईएल से बिजली क्षेत्र को वर्तमान कोयले की आपूर्ति प्रति दिन 14 लाख टन से अधिक है और घटती बारिश के साथ, यह आपूर्ति पहले ही बढ़कर 15 लाख टन हो गई है और 16 से अधिक तक बढ़ने की संभावना है। अक्टूबर 2021 के अंत तक प्रति दिन लाख टन। एससीसीएल और कैप्टिव कोयला ब्लॉकों से आपूर्ति हर दिन 3 लाख से अधिक टन कोयले में योगदान करेगी।
भारी मानसून, कम कोयले के आयात और आर्थिक सुधार के कारण बिजली की मांग में भारी वृद्धि के बावजूद घरेलू कोयले की आपूर्ति ने बिजली उत्पादन को बड़े पैमाने पर समर्थन दिया है। चालू वित्त वर्ष में कोयले की आपूर्ति रिकॉर्ड स्तर पर रहने की उम्मीद है।
बिजली मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोयले की आपूर्ति में कमी का एक अन्य कारण कोयले की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में भारी वृद्धि थी, जिसके परिणामस्वरूप आयात आधारित बिजली संयंत्रों द्वारा पीपीए के तहत भी बिजली की आपूर्ति में लगभग 30 प्रतिशत की कमी आई है। अधिकारी ने कहा, ‘‘लेकिन साथ ही, इस साल की पहली छमाही में घरेलू कोयला आधारित बिजली आपूर्ति लगभग 24 प्रतिशत बढ़ गई है।’’
उन्होंने कहा कि देश में कोयले की आरामदायक स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सीआईएल एल्युमिनियम, सीमेंट और स्टील सहित गैर-विद्युत उद्योगों की मांग को पूरा करने के लिए प्रतिदिन 2.5 लाख टन (लगभग) से अधिक की आपूर्ति कर रही है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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