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POCSO Judge: सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद जज का निलंबन वापस

पॉक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म पीड़ित बच्चों के मामले में तुरंत सजा देने वाले जज का निलंबन वापस हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के नाराजगी जाहिर करने के बाद जज को बहाल किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को फटकार भी लगाई है।

नई दिल्ली: पॉक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म पीड़ित बच्चों के मामले में तुरंत सजा देने वाले जज का निलंबन वापस हो गया है। सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद उन्हें बहाल किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को फटकार भी लगाई थी।

हाल ही में सुप्रीम अदालत ने कहा था कि जब तक किसी जज के खिलाफ दुर्भावना या भ्रष्टाचार मामलों जैसा कारण न हो, तब तक उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

दरअसल, अररिया के एडीजी रहे शशिकांत राय को इसी साल फरवरी में निलंबित कर दिया गया था.। पॉक्सो स्पेशल कोर्ट में तैनाती के दौरान उन्होंने कई मामलों में स्पीडी ट्रायल किया था। यानी उन्होंने पॉक्सो एक्ट के एक मामले में महज एक दिन की सुनवाई के बाद आरोपी को उम्रकैद की सजा सुना दी थी।

इसके अलावा दूसरे मामले में चार दिन की सुनवाई के बाद फांसी की सजा सुनाई थी। मामला संज्ञान में आते ही पटना हाईकोर्ट ने जज शशिकांत राय को निलंबित कर दिया था।

जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था। 8 अगस्त को जस्टिस यूयू ललित और एस रविंद्र भट्ट की बेंच ने कहा, जब तक किसी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार जैसा मामला स्पष्ट न हो, तब तक कार्रवाई से बचा जाना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा आप यह कह सकते हैं कि वह ज्यादा उत्साही अधिकारी हैं। SC ने पटना हाईकोर्ट को अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए 10 दिन का समय दिया था।

शशिकांत राय 2007 में न्यायिक सेवा से जुड़े थे। साल 2014 में वे सिविल जज और 2018 में जिला जज बनें। उन्हें पॉक्सो कोर्ट की जिम्मेदारी मिली, इसके बाद शशिकांत राय ने बच्चों के यौन शोषण से जुड़े कई मामलों में स्पीडी ट्रायल किया और कम से कम समय में आरोपियों को सजा दिलाई।