नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने दिल्ली विधानसभा में कहा कि जनता GST देती है और वह पैसा पीएम मोदी के पास जाता है। कांग्रेस जितना 75 साल में नहीं लूट पाई, उससे ज्यादा इन्होंने (भाजपा) 7 साल में लूट लिया है। हमेशा दिमाग अडानी का होता है और पैसा पीएम मोदी का।
सीएम केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कहा कि जिस दिन अडानी दुनिया का दूसरा सबसे अमीर आदमी बना था, उस दिन पीएम मोदी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बने थे। अब वह दुनिया के सबसे अमीर आदमी बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप के अंदर पूरा पैसा पीएम मोदी का ही लगा हुआ है।
केजरीवाल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे से मुलाकात की और जबरदस्ती अडानी को विंड प्रोजेक्ट दिलवा दिया। ये प्रोजेक्ट उन्होंने अडानी को नहीं दिलाया, बल्कि खुद लिया है। जिस तरह से हमारे देश में पॉर्लियामेंट की स्टैंडिंग कमेटी होती है, ऐसी ही वहां की एक कमेटी ने अपने बिजली बोर्ड के चेयरमैन को बुलाकर पूछा कि अडानी को यह प्रोजेक्ट क्यों दिया गया? उसने कमेटी को बताया कि राजपक्षे ने उसे बुलाकर कहा था कि पीएम मोदी का बहुत प्रेशर है कि प्रोजेक्ट अडानी को दे दिया जाए।
केजरीवाल ने कहा कि बांग्लादेश को 25 सालों के लिए 1500 मेगावाट बिजली खरीदनी थी। ये प्रोजेक्ट भी प्रधानमंत्री ने अडानी को दिला दिया। जब वह इजराइल गए तो सारे रक्षा सौदे अडानी को दिला दिए। दो-तीन साल पहले 6 एयरपोर्ट्स की नीलामी हुई। उसमें एक शर्त थी कि जिसने पहले एयरपोर्ट का काम किया हुआ है, ठेका उसे ही दिया जाएगा। लेकिन आखिरी समय पर शर्त हटा दी गई और सभी 6 एयरपोर्ट अडानी को दे दिए।
उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करके लोगों की फैक्ट्रियों पर कब्जा किया जा रहा है। पहले कृष्णापट्टनम पोर्ट पर रेड पड़ी और कुछ साल बाद उसे अडानी ने खरीद लिया। ठीक इसी तरह एसीसी और अंबुजा सीमेंट पर छापा पड़ा और बाद में इसे अडानी ने खरीद लिया। मुंबई एयरपोर्ट को पहले जीवीके कंपनी ग्रुप चलाता था। यहां भी रेड हुई और एयरपोर्ट अडानी के पास चला गया। फैक्ट्री वालों को डराया जा रहा है कि या तो जेल जाओ या कारोबार हमारे हवाले कर दो।
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि थोड़े दिन पहले ऑर्डर निकाला कि सारे पॉवर प्लांट को 10 प्रतिशत कोयला इंपोर्ट वाला खरीदना पड़ेगा। इंपोर्ट तो अडानी ही करते हैं। वह कोयला हमारे देश के कोयले से दस गुना महंगा पड़ता है। 67 साल में भारत की सभी सरकारों ने मिलकर 55 लाख करोड़ का कर्जा लिया था, लेकिन 2014 से 2022 तक सात साल में 85 लाख करोड़ का कर्जा ले लिया गया। जितना 67 सालों में लिया गया था, उससे दोगुना 7 सालों में ले लिया गया।