नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश में कोरोना वायरस को लेकर एक उच्च स्तरीय मीटिंग की। करीब दो घंटे तक चली इस बैठक के बाद पीएम मोदी ने लोगों से मास्क पहनने के साथ-साथ कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने अपील की है। उन्होंने जीनोम सीक्वेंसिंग और कोविड टेस्टिंग बढ़ाने के लिए भी कहा है।
प्रधानमंत्री ने लापरवाही पर लोगों को आगाह भी किया है। इसके अलावा उन्होंने कड़ी निगरानी की सलाह दी। उन्होंने दोहराया कि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने अफसरों को खास तौर से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर चल रहे सर्विलांस मेजर्स को मजबूत करने का निर्देश दिया।
बुजुर्गों व बीमारों को बूस्टर डोज की सलाह
उन्होंने बुजुर्गों और बीमार लोगों को बूस्टर डोज लेने की अपील की है। इस दौरान पीएम ने फ्रंटलाइन वर्कर्स और कोरोना योद्धाओं की निस्वार्थ सेवा की सराहना भी की। बैठक में कोरोना को लेकर तैयारी, वैक्सिनेशन की स्थिति और नए कोविड-19 वैरिएंट के आने और उसका असर का आकलन करने के लिए चर्चा हुई। पीएम ने यह तय करने की जरूरत पर बल दिया कि हर स्तर पर सभी तरह के कोविड इंफ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधनों को बनाए रखा जाए।
देश में कोरोना केसों में गिरावट
हालांकि पीएम मोदी ने बताया कि भारत में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि 22 दिसंबर को कोरोना दैनिक केस घटकर 153 आए जबकि वीकली पॉजिटीविटी रेट 0.14% तक कम हो गई है। हालांकि, पिछले एक हफ्ते से दुनिया में कोरोना के हर दिन औसतन 5.9 लाख केस दर्ज किए जा रहे हैं।
पीएम ने लोगों से अपील की कि त्योहारों को ध्यान में रखते हुए हर समय कोविड नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ वाले या सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज को खास तौर से कमजोर और बुजुर्गों के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
राज्यों को भी हर तरह से तैयार रहने को दी सलाह
पीएम मोदी ने राज्यों को ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए प्लांट, वेंटिलेटर और मानव संसाधन समेत अस्पताल के बुनियादी ढांचों को तैयार रखने के लिए कोविड स्पेसिफिक सुविधाओं का ऑडिट करने की सलाह दी है। इसके अलावा अफसरों को टेस्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग के प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया है।
उन्होंनें राज्यों को हर दिन जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए INSACOG जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं (IGSLs) के साथ बड़ी संख्या में नमूने साझा करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से अगर देश में कोविड का कोई नया वैरिएंट फैल रहा होगा तो समय रहते उसका पता लगाने में मदद मिलेगी।