नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रिश्तेदारों की संपत्ति को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। कलकत्ता हाई कोर्ट के वकील तरुण ज्योति तिवारी की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि ममता बनर्जी के रिश्तेदारों की संपत्ति अनुपातहीन रूप से बढ़ी है।
याचिकाकर्ता ने कलकत्ता हाई कोर्ट से ममता बनर्जी के रिश्तेदारों की संपत्ति की जांच प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई और आयकर विभाग से कराने की मांग की है। सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार को मेयो रोड में तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद की सभा में उनके और उनके रिश्तेदारों की संपत्ति पर दायर मामले को लेकर मुंह खोला।
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट में इसके पहले तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की संपत्ति को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। उसके बाद तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई दी थी।
तृणमूल नेताओं की संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी संपत्ति में बढ़ोतरी पर कहा कि बीजेपी ने जानबूझकर उन पर कालिख लगाने के लिए इस तरह की बात कह रही है। उन्होंने कहा, “मेरे पास सारे सबूत हैं एक सांसद के रूप में 12 साल तक लगातार 1 लाख रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलता था। मैं इसे नहीं लेती हूं। आप देखेंगे कि कितना पैसा होगा। मुख्यमंत्री के रूप में मुझे 3 लाख से 3.5 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है, लेकिन मैं एक पैसा नहीं लेती हूं। बाहर भी जाती हूं,तो अपने पैसे से चाय पीती हूं। जब-तक अति आवश्यक न हो तब-तक सरकारी वाहनों में सवारी न करती हूं, मैं जिस मकान में रहती हूं, वह भी पट्टे पर है।