छतरपुर: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री जल्द ही शादी करेंगे। इसकी घोषणा उन्होंने बागेश्वर धाम में लगे दिव्य दरबार में की। हालांकि शादी किससे करेंगे और कहां करेंगे इस बात का खुलासा अभी उन्होंने नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जब भी शादी होगी तो उसका टीवी पर लाइव प्रसारण भी होगा। उन्होंने कहा कि हमारी शादी की बात चलती रहती है। हम कोई साधु-महात्मा नहीं है। हम सामान्य इंसान हैं और बालाजी के चरणों में ही रहते है। हमारी परपंरा में बहुत से महापुरुष गृहस्थ जीवन में रहे हैं। भगवान भी गृहस्थ जीवन में ही प्रकट होते हैं।
विवाह को लेकर धीरेंद्र शास्त्री द्वारा एक कारण यह भी बताया गया कि उनपर भविष्य में किसी प्रकार का कोई गंभीर आरोप न लगे, इसलिए भी वह शादी करेंगे। उन्होंने कहा कि वे जब भी शादी करेंगे, लोगों को जरूर इसके बारे में बताएंगे। लेकिन वह अधिक लोगों को नहीं बुला सकते, क्योंकि उनकी व्यवस्थाएं नहीं हो पाएंगी। इसलिए जब भी शादी होगी, उसका टीवी पर लाइव प्रसारण किया जाएगा। जिससे सभी लोग शादी में शामिल हो पाएंगे।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमने बहुत पहले ही पाकिस्तान में रामकथा की घोषणा की थी। अगर वहां लोग तैयारी कर रहे हैं और हमें बुलाते हैं तो हम तो वहां राम कथा करेंगे। उन्होंने अपने चिर परिचित हास-परिहास के अंदाज में कहा कि बहुत जोरदार कथा करेंगे। जिसके बाद बहुत से पाकिस्तानी भारत में आ जाएंगे।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जो सनातन की बात के साथ है, उन पर ईश्वर की बड़ी कृपा है। वर्तमान में सनातन की क्रांति का आना इस बात को तय करता है कि भारत हिंदू राष्ट्र घोषित होने की ओर अग्रसर है। बहुत जल्दी बागेश्वर बालाजी का यह दृढ़ संकल्प पूरा होगा। हमें अपने इष्ट पर पूरा भरोसा है।
रामचरितमानस को लेकर चल रहे विवाद पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा कि यह घोर निंदनीय कृत्य है।हमारा यही कहना है कि इसके पीछे लंबी साजिश है जो तथाकथित लोगों के द्वारा की गई है। आपके वैचारिक भेद हैं तो ठीक हैं। अपनी बात बोल सकते हैं, पर किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचा सकते, आपको यह अधिकार नहीं है। हम वाणी से बोल सकते हैं, अपनी बात बोल सकते हैं। हमारा इतिहास है, आज तक हमने किसी अन्य धर्म के खिलाफ नहीं बोला, लेकिन अपने धर्म के पक्ष में बोला।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा की रामचरितमानस के साथ जो किया गया वह निंदनीय है और इसे देखने वाले भी निंदनीय हैं, इसलिए हमने प्रत्येक सनातनी से प्रार्थना की है कि इनको तो मजा चखाना पड़ेगा।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि रामचरितमानस को राष्ट्रीय धर्म घोषित होना चाहिए, क्योंकि रामचरितमानस राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित होगा तो रामराज्य आएगा। रामराज्य आएगा तो प्रजा प्रसन्न होगी। प्रजा प्रसन्न होगी तो भारत विश्व गुरु बनेगा। इसलिए प्रत्येक सनातनी, प्रत्येक साधु-महात्मा चाहते हैं कि बहुत जल्द रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए और सरकार को यह करना चाहिए। एक भारतीय नागरिक होने के नाते हमारी यह मांग है।
सनातन धर्म के पीछे वामपंथी
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म के विरोध के पीछे कई लोग हैं। इसमें वामपंथी हैं। ये वह लोग हैं जिन्हें भगवान से दिक्कत है, जिन्हें राम से दिक्कत है। जो लोग भगवान राम का सबूत मांग रहे थे, अयोध्या का सबूत मांग रहे थे, जो बागेश्वर बालाजी के दरबार का सबूत मांग रहे थे, वे सब इसमें शामिल हैं। क्योंकि उनकी नीति है कि हिंदुओं को आपस में लड़वाया जाए। ‘फूट डालो- शासन करो’ की नीति के लिए रामचरितमानस पर उंगली उठाई जा रही है। उन लोगों को हमारा कहना है कि उनको भारत में रहने का अधिकार नहीं है।