श्रीहरिकोटा: चांद पर पर्दा कीजिए…यह गीत सभी ने सुना होगा। लेकिन अब वो पर्दा अब बेपर्दा होगा। जब भारत का अपना चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) अपने सफर पर रवाना हुआ। लॉन्च के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का तीसरा मून मिशन शुरू हो गया। चंद्रयान-3 को ले जा रहे 642 टन वजनी, 43.5 मीटर ऊंचे रॉकेट LVM3-M4 ने श्रीहरिकोटा (Shriharikota) स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। चंद्रयान-3 (Chandrayaan3) के पृथ्वी की कक्षा में पहुंचने के बाद लूनर ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी में डाला गया। अगले 42 दिनों में 30,00,00 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए यह चंद्रमा तक पहुंच जाएगा। इसी के साथ ही भारतीय वैज्ञानिकों की आंखों से आंसू छलक पड़े। जो उनके काम के प्रति समर्पण, जज्बा और भारतीय होने का गर्व होने का था।
लॉन्च से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि ‘भारतीय अंतरिक्ष के क्षेत्र में 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा तथा यह राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। लॉन्च पर पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा-चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं!
Chandrayaan-3 is today embarking on a journey that carries the hopes of 1.4 billion Indians. The whole nation prays for its success. pic.twitter.com/1l6LwuTY3O
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2023
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार को चंद्रमा पर भारत के तीसरा मिशन चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 642 टन वजन वाला एलवीएम3 रॉकेट ने दोपहर बाद 2.35 बजे चंद्रयान के साथ उड़ान भरी। चंद्रयान को चंद्रमा पर पहुंचने में करीब 40 दिन लगेंगे। प्रक्षेपण के ठीक 16 मिनट बाद लगभग 2.50 बजे करीब 179 किमी की ऊंचाई पर चंद्रयान-3 रॉकेट से अलग हो जाएगा। इसके बाद चंद्रयान-3 लगभग 3.84 लाख किमी की अपनी लंबी चंद्रमा यात्रा शुरू करेगा। अंतरिक्ष यान द्वारा ले जाए गए लैंडर के 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।
पूरे देश की नजरें टिकी
पूरे देश की नजरें इसरो के वैज्ञानिकों पर टिकी हैं। चांद पर यान को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने यानी सुरक्षित तरीके से यान उतारने का यह मिशन अगर सफल हो जाता है तो भारत चुनिंदा देशों की एलीट लिस्ट में शामिल हो जाएगा। अगर भारत ऐसा कर पाने में सफल हो जाता है वह अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद इस सूची में चौथा देश बन जाएगा।