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Moscow peace talks: यूक्रेन विवाद के बीच शांति वार्ता के लिए NSA अजीत डोभाल अगले सप्ताह मास्को में

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) पर चर्चा में भाग लेने के लिए अगले सप्ताह दो दिनों के लिए मास्को, रूस की यात्रा पर जा सकते हैं।

Moscow peace talks: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) पर चर्चा में भाग लेने के लिए अगले सप्ताह दो दिनों के लिए मास्को, रूस की यात्रा पर जा सकते हैं।

इंडिया टुडे टीवी को सूत्रों ने बताया कि डोभाल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात कर सकते हैं और रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में शांति प्रयासों पर चर्चा कर सकते हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10-11 सितंबर की यात्रा के दौरान डोभाल ब्रिक्स-एनएसए बैठक में भी भाग लेंगे।

ब्रिक्स 10 देशों का एक अनौपचारिक समूह है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, यूएई, ईरान, मिस्र और इथियोपिया शामिल हैं। पिछली ब्रिक्स-एनएसए बैठक 2023 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुई थी। डोभाल ने 2023 जोहान्सबर्ग बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

डोभाल की दो दिवसीय यात्रा पिछले दो महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रूस और यूक्रेन दोनों का दौरा करने के बाद हो रही है। मोदी ने इस यात्रा के दौरान पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की।

डोभाल अपने रूसी और चीनी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे, जिसमें मॉस्को में जुलाई में हुए शिखर सम्मेलन में हुई चर्चाओं को आगे बढ़ाने की संभावना है।

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से अपनी मुलाकात के बाद मोदी ने 27 अगस्त को राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की। रूसी दूतावास द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, मोदी ने टेलीफोन पर बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन को कीव की यात्रा के बारे में बताया और राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से यूक्रेन के लिए समझौता करने की भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

एनडीटीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस फोन कॉल के दौरान नेताओं ने फैसला किया कि एनएसए डोभाल शांति वार्ता के लिए मॉस्को जाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस यात्रा के बारे में अभी और कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

मोदी ने रूस और यूक्रेन की अपनी यात्राओं के दौरान कहा है कि भारत ‘कभी’ भी तटस्थ नहीं रहा है, बल्कि हमेशा ‘शांति’ के पक्ष में रहा है। राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष को लेकर रूस के संपर्क में रहने वाले तीन देशों में भारत का भी नाम लिया है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)