नई दिल्ली: दुनिया के तमाम बड़े शहर में रहने वाले लोग जानलेवा हवाओं में सांस ले रहे हैं…विश्व के 7 हजार शहरों में वायु गुणवत्ता से जुड़े विश्लेषण में ये पता चला है। अमेरिका स्थित शोध संगठन हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट (एचईआई) की नई रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के सबसे बड़े शहर और शहरी क्षेत्र इस वक़्त सबसे खराब वायु गुणवत्ता का सामना कर रहे हैं।
एचईआई के स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर इनिशिएटिव की तरफ से जारी एयर क्वालिटी एंड हेल्थ इन सिटीज़ नाम की ये नई रिपोर्ट दुनिया भर के 7,000 से अधिक शहरों के लिए वायु प्रदूषण और वैश्विक स्वास्थ्य प्रभावों का ब्योरा देती है। इसमें दो सबसे हानिकारक प्रदूषकों, फाइन पार्टिकुलेट मैटर (PM 2.5) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में 7,239 शहरों में पीएम 2.5 की वजह से 1.7 मिलियन मौतें हुईं, साथ ही PM 2.5 के चलते एशिया, अफ्रीका और पूर्वी और मध्य यूरोप के शहरों में जनस्वास्थ्य पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा।
2019 में रिपोर्ट में शामिल 7 हजार से ज्यादा शहरों में से 86% ने NO 2 के लिए WHO के दिशानिर्देश को पार कर लिया, जिससे लगभग 2.6 बिलियन लोग प्रभावित हुए। WHO के वायु गुणवत्ता डेटाबेस के मुताबिक, वर्तमान में केवल 117 देशों के पास PM 2.5 को ट्रैक करने के लिए जमीनी स्तर की निगरानी प्रणाली है और केवल 74 राष्ट्र NO 2 स्तरों की निगरानी कर रहे हैं।