नई दिल्ली: NCERT ने 12वीं की राजनीति शास्त्र की किताब से सिखों की छवि धूमिल करने वाले उस पूरे हिस्से को हटा दिया है, जिसमें खालिस्तान (Khalistan) और सिख राष्ट्र (Sikh nation) जैसे शब्दों का जिक्र था, या फिर उस मांग का समर्थन कर रहे थे। यह फैसला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (SGPC) के अनुरोध पर किया है।
एसजीपीसी ने 1973 के आनंदपुर साहिब प्रस्ताव के पढ़ाए जाने वाले उन शब्दों को हटाने की मांग की थी, जो नई पीढ़ी के सामने सिख समाज की अलग छवि गढ़ रहे थे। कमेटी का कहना था कि प्रस्ताव को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है, उसमें इन बातों का जिक्र नहीं है।
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा सचिव संजय कुमार ने मंगलवार को 12वीं कक्षा में पढ़ाई जा रही NCERT की राजनीतिक शास्त्र की किताब में किए गए इन सुधारों की जानकारी दी। साथ ही बताया कि इन सभी बदलावों को तत्काल प्रभाव से अमल में भी लाया गया है।
ऑनलाइन उपलब्ध डिजिटल किताब में भी इसे ठीक कर दिया गया है। साथ ही सीबीएसई सहित दूसरे स्कूल बोर्डों को भी इन बदलावों को लेकर अवगत करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह बदलाव NCERT ने तय मानकों के तहत विशेषज्ञ कमेटी की सिफारिश पर ही किए हैं। इससे पहले विशेषज्ञ कमेटी ने NCERT की उन सभी आपत्तियों को जांचा और आनंदपुर साहिब प्रस्ताव को नए सिरे से बारीकी से पढ़ा। इसके बाद इन शब्दों को हटाने की सिफारिश की गई।
वर्ष 2006 में छपकर आई थी पुस्तक
स्कूलों में 12वीं कक्षा में पढ़ाई जा रही राजनीति शास्त्र की किताब की सामग्री तो वर्ष 2005 में तैयार की गई थी, लेकिन किताब वर्ष 2006 में छपकर आई। राजनीति से जुड़े खंड में “क्षेत्रीय आकांक्षाएं” नामक पाठ में पंजाब की राजनीति का जिक्र है। इसमें 1973 के आनंदपुर साहिब प्रस्ताव का जिक्र करते हुए उनमें खालिस्तान और अलग सिख राष्ट्र जैसी बातों को जिक्र किया गया है।