नई दिल्ली :रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह या रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से अब तक इस एग्रीमेंट से जुड़े सवाल के जवाब नहीं दिए गए हैं। ‘नो पोचिंग’ एग्रीमेंट इसलिए भी अहम है, क्योंकि अब अडानी समूह उन कारोबार में एंट्री कर रहा है, जहां पहले से ही रिलायंस इंडस्ट्रीज का दबदबा है। पिछले साल, अडानी समूह ने अडानी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के साथ पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में प्रवेश का ऐलान किया। इस सेक्टर में रिलायंस की सबसे बड़ी उपस्थिति है।
वहीं, टेलीकॉम में भी अडानी समूह ने एंट्री के लिए पहला कदम बढ़ा दिया है। हाल ही में अडानी ने 5G स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई है। वहीं, ग्रीन एनर्जी सेक्टर में अडानी और अंबानी एक दूसरे के प्रतिद्वंदी बनते दिख रहे हैं। इसी तरह, मीडिया में भी मुकेश अंबानी के बाद अब अडानी समूह ने एंट्री की है।
इस फैसले की वजह से दोनों समूहों के लाखों कर्मचारियों के लिए रास्ते बंद हो गए हैं। रिलायंस के 3.80 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं। वहीं, अडानी समूह के भी हजारों कर्मचारी मुकेश अंबानी की किसी कंपनी में नौकरी नहीं कर पाएंगे।