नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून की अपनी सामान्य शुरुआत की तारीख से तीन दिन पहले रविवार को केरल (Kerela) पहुंचा।
2010 के बाद से यह केवल चौथा अवसर है जब केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत समय से पहले (1 जून) हुई । आईएमडी रिकॉर्ड के अनुसार, मानसून सामान्य से पहले 2010 (31 मई), 2017 (30 मई) और 2018 (29 मई) में आ गया था। 2005 के बाद से केरल में सबसे पहले शुरुआत वर्ष 2006 में दर्ज की गई थी, जब मानसून 26 मई को आया था।
मानसून के आगमन के बारे में घोषणा तब की गई जब आईएमडी अरब सागर और केरल पर बादल छाए रहने, केरल में 14 स्टेशनों पर बारिश और पश्चिमी हवाओं की मजबूती और गहराई सहित सभी मौसम संबंधी मापदंडों से संतुष्ट था।
इस साल 16 मई को अंडमान सागर के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून के जल्दी पहुंचने के बावजूद, इसके बाद मानसून की प्रगति धीमी हो गई थी।
आईएमडी द्वारा जारी नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, अरब सागर और लक्षद्वीप के कुछ और हिस्सों में मानसून की प्रगति की संभावना है। केरल और माहे में चार जून तक बारिश की संभावना है।
मॉनसून केरल के बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार में भी सक्रियता का दौर शुरू हो जाएगा। वहीं अगर मानसून इसी तरह सक्रिय रहा तो 20 जून के आसपास सोनभद्र जिले से होते हुए उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगा। इसके बाद लखनऊ में 25 जून तक और नई दिल्ली में 1 जुलाई के आसपास मॉनसून सक्रिय हो जाएगा। ऐसे में मानसून की सक्रियता का रुख लोगों को काफी राहत देगा। मानसून गतिविधि की स्थिति यह है कि यह तीन दिन पहले मैदानी इलाकों में आ गई है। अब यदि गतिविधि लगातार जारी रही तो पूर्वांचल में मानसून निर्धारित समय से पहले शुरू हो सकता है। जबकि पिछले साल 13 जून को मानसून आया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)