नई दिल्ली: नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किए गए लिंगायत संत डॉ मुरुघ शिवमूर्ति शरणारू को शुक्रवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज गया है।
आरोपी संत को गुरुवार रात उसकी गिरफ्तारी के बाद एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। बाद में उन्हें मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया गया। जिसके बाद उसे जिला एवं सत्र अदालत के न्यायाधीश बी.के. कोमल के सामने पेश किया गया।
आरोपी संत के वकील उमेश ने कहा कि शुक्रवार को अदालत में एक याचिका दायर की जाएगी… उन्हें एक या दो दिनों में जमानत मिल जाएगी।
वकील उमेश ने दावा किया कि जेल अधिकारियों ने उन्हें संत से मिलने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा, अगर पुलिस आरोपी संत को हिरासत में लेने के लिए याचिका दायर करती है, तो याचिका का विरोध किया जाएगा।
राज्य के राजस्व मंत्री आर. अशोक ने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि कानून मामले के संबंध में अपनी कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा, मठों का बहुत सम्मान है। इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। देश के कानून की अपनी गरिमा है।
इस बीच, तीन अन्य आरोपियों के लिए तलाशी अभियान जारी है, जो अदालत में अपनी जमानत याचिकाओं को स्थगित कर फरार हो गए हैं। वहीं, पुलिस ने हॉस्टल वार्डन रश्मि को भी हिरासत में ले लिया है।
संत की गिरफ्तारी के बाद, अधिकारियों ने चित्रदुर्ग मठ की जिम्मेदारी महंत रुद्र स्वामीजी को सौंप दी है।
बता दें कि लिंगायत संत पर महिला वार्डन, जूनियर पोंटिफ और अन्य स्टाफ की मदद से 15 और 16 साल की नाबालिग लड़कियों के साथ रेप करने का आरोप है