Ayodhya Ram Mandir: सोमवार, 22 जनवरी को अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि मंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े एक पुजारी ने बताया, “भगवान राम लल्ला की 51 इंच ऊंची मूर्ति को “बालक राम” के नाम से बुलाया जाएगा, क्योंकि यह भगवान राम के बाल रूप का अवतार है।”
उन्होंने बताया, ”भगवान राम की जिस मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की गई, उसका नाम ‘बालक राम’ रखा गया है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने राम मंदिर समारोह से जुड़े पुजारी अरुण दीक्षित के हवाले से कहा, “भगवान राम की मूर्ति का नाम ‘बालक राम’ रखने का कारण यह है कि वह एक बच्चे की तरह दिखते हैं, जिनकी उम्र पांच साल है।”
अयोध्या धाम में आज राम लला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। इस पुनीत अवसर पर सभी देशवासियों से मेरा आग्रह है कि रामज्योति प्रज्वलित कर अपने घरों में भी उनका स्वागत करें। जय सियाराम! #RamJyoti pic.twitter.com/jllwCKNaym
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2024
रामलला की मूर्ति को मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तराशा है। मूर्तिकला के लिए इस्तेमाल की गई नीले रंग की कृष्ण शिला मैसूर के एचडी कोटे तालुक के जयापुरा होबली में गुज्जेगौदानपुरा से निकाली गई थी। आसमानी रंग की रूपांतरित चट्टान, जिसे सोपस्टोन के नाम से जाना जाता है, मूर्तियों को तराशने में मूर्तिकारों के लिए एक आदर्श विकल्प है। मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद, मंदिर के लिए आरती का समय, भगवान राम को प्रसाद और अन्य प्रक्रियाएं तय की गई हैं।
What we saw in Ayodhya yesterday, 22nd January, will be etched in our memories for years to come. pic.twitter.com/8SXnFGnyWg
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2024
जानने योग्य 5 बातें
1. राम लल्ला की मूर्ति को बनारसी कपड़े से सजाया गया है, उन्होंने पीली धोती और लाल ‘पटका’ या ‘अंगवस्त्रम’ पहना हुआ है। ‘अंगवस्त्रम’ को शुद्ध सोने की ‘जरी’ और धागों से सजाया गया है।
2. राम मंदिर में दिन में 6 बार आरती की जाएगी। रामलला के पुजारियों के प्रशिक्षक आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा, “रामलला की अष्टयाम सेवा 24 घंटे के आठों पहर में होगी।”
3. दिन में छह बार होने वाली आरतियों में मंगला, श्रृंगार, भोग, उत्थापन, संध्या और शयन आरती शामिल होंगी। भगवान रामलला को जगाने के लिए मंगला आरती की जाएगी। श्रृंगार आरती में भगवान को नए वस्त्र और नए आभूषणों से सजाया जाएगा।
4. भोग आरती के समय बाल राम को पूड़ी-सब्जी-खीर का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद रामलला पर लगी बुरी नजर को दूर करने के लिए उत्थापन आरती की जाएगी। शाम को मंदिर में संध्या आरती की जाएगी। दिन के अंत में भगवान राम को शयन कराने से पहले शयन आरती की जाएगी।
5. बाल राम को पूड़ी-सब्जी और रबड़ी-खीर जैसे प्रसाद के अलावा दूध, फल और अन्य मिठाइयों का भी भोग लगाया जाएगा। भगवान राम के दर्शन सुबह 6 बजे से शुरू होंगे। विधि के अनुसार, रामलला को सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला और रविवार को गुलाबी वस्त्र पहनाया जाएगा।