नई दिल्ली: सिखों को घरेलू विमानों में कृपाण ले जाने की अनुमति (kirpan allowed in domestic flights) देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (PIL) को वापस ले लिया गया। न्यायमूर्ति सतीश चंदर मिश्रा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यमप्रसाद की बेंच के सामने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि वह ‘कुछ दबाव’ के कारण याचिका वापस ले रहा है। अदालत ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
वकील हर्ष विभोर सिंघल ने याचिका लगाकर 4 मार्च को जारी डीजीसीए की अधिसूचना को चुनौती दी थी। डीजीसीए ने कहा था कि सिर्फ सिख यात्री घरेलू उड़ानों में कृपाण ले जा सकता है, बशर्ते उसके ब्लेड की लंबाई 6 इंच से ज्यादा न हो।
डीजीसीए ने कहा था, “ये नियम सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिए नहीं है, अन्य देशों के सिख भी भारत में घरेलू मार्गो से किसी भी भारतीय विमान में यात्रा करते समय कृपाण साथ ले जा सकते हैं, हालांकि उनके संबंधित देशों के कानून वहां नागरिक उड़ानों में कृपाण ले जाने पर रोक लगा सकता है।”
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने भी हिंदू सेना की तरफ से इसी तरह की एक अन्य जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के फैसले को चुनौती दी गई थी। फैसले में सिख यात्रियों को घरेलू उड़ानों में कृपाण ले जाने की अनुमति दी गई थी।