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Jharkhand Political Crisis: झारखंड सरकार पर मंडराये संकट के बादल, विधायकों की हुई घेराबंदी

रांची के सीएम आवास से बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने विधायकों को 3 बसों में लेकर गए हैं। उन्हें सुरक्षित रिसॉर्ट में ले जाया गया है। इसके साथ ही सभी विधायकों के फोन बंद कर दिए गए हैं। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि विधायकों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट किया जाएगा।

नई दिल्ली: हेमंत सोरेन की विधायकी पर संकट मंडरा रहा है। अगर विधायकी जाती है तो सोरेन को मुख्यमंत्री पद भी छोड़ना पड़ेगा। इस संकट के बीच सत्ताधारी महागठबंधन के विधायकों को 3 बसों में भरकर सुरक्षित जगह भेज दिया गया है।

रांची में सीएम आवास पर बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने विधायकों को बसों में लेकर निकले हैं। सभी विधायकों को रिसॉर्ट में शिफ्ट किया गया है। दरअसल इलेक्शन कमीशन की सिफारिश के बाद से ही झारखंड में बैठकों का दौर जारी है। कई बैठकों के बाद सीएम ने गठबंधन के विधायकों को शिफ्ट किया है।

हेमंत सोरेन पर जनप्रतिनिधित्व कानून की धाराओं के उल्लंघन का आरोप है। इस कानून की धारा 9A के तहत उनकी विधायकी जा सकती है। इसे लेकर करीब दो महीने से कार्रवाई चल रही थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें हेमंत सोरेन को दोषी मानते हुए उनकी विधायकी रद्द करने की सलाह दी गई है।

सोरेन की विधानसभा सदस्यता जाती है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। ऐसे में राज्य में नए मुख्यमंत्री को शपथ लेकर बहुमत साबित करना होगा। इस दौरान विधायकों की टूट नहीं हो, जब तक शक्ति परीक्षण नहीं हो जाता तब तक कोई विधायक पाला नहीं बदले, इस तरह की आशंकों को खत्म करने के लिए ही विधायकों को रिसॉर्ट में शिफ्ट किया गया है।