रांची: चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग ने सोरेन को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश कर दी है। अब यह राज्यपाल पर निर्भर है कि वह चुनाव आयोग की सिफारिश पर क्या विचार देते हैं। इसे लेकर सूबे में सियासी हलचल तेज हो गई है। सत्तारूढ़ झामुमो ने अपने सभी विधायकों को शाम तक रांची पहुंचने के लिए कहा है।
बिफरे सीएम सोरेन
वहीं, सीएम हेमंत सोरेन ने आयोग की राय पर गुस्से में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि एक सांसद समेत भाजपा नेताओं और उनके कुछ पपेट पत्रकारों ने खुद आयोग की रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया है, जोकि एक सीलबंद लिफाफे में बंद है। वहीं भाजपा को भरोसा है कि उसका याचिका दायक करना सफल हो गया है। पार्टी ने राज्य में मध्यावधि चुनाव कराने की मांग की।
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने भाजपा की ओर से की गई शिकायत को सही पाते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश करते हुए राज्यपाल को रिपोर्ट भेजी है। विधायकी जाने पर सोरेन को कुर्सी छोड़नी होगी। चर्चा है कि वह अपनी पत्नी को सीएम की कुर्सी पर बैठा सकते हैं।
सीएम पर खुद के नाम खनन पट्टा आवंटित करने का आरोप
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा मामले में 22 अगस्त को चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी हो गई थी, जिसके बाद रिपोर्ट को राज्यपाल को भेज दिया गया था। भाजपा ने सोरेन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अवैध रूप से अपने और परिवार के सदस्यों के नाम खनन पट्टा आवंटित किया। जनप्रतिनिधित्व कानून का हवाला देते हुए भाजपा ने उन्हें विधायक के रूप में उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की थी।