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भारत ब्रिटेन को पछाड़ बना दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर ब्रिटेन से आगे निकल गया। भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2021 के अंतिम तीन महीनों में ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है।

नई दिल्ली: भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर ब्रिटेन से आगे निकल गया। भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2021 के अंतिम तीन महीनों में ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च तिमाही के आखिरी दिन डॉलर विनिमय दर का उपयोग करते हुए भारत की नॉमिनल जीडीपी $ 854.70 बिलियन थी, जबकि ब्रिटेन की $ 816 बिलियन थी।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी डॉलर में की गई गणना के अनुसार भारत ने 2021 की आखिरी तिमाही में यूके को पीछे छोड़ा है। वहीं IMF के जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक 2022 की पहली तिमाही भारत ने अपनी बढ़त और मजबूत की है। अनुमानों के अनुसार इस ग्रोथ के साथ भारत सालाना आधार पर भी जल्द दुनिया की 5वी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।

सालाना आधार पर भारत की अर्थव्यवस्था 3.17 लाख करोड़ डॉलर की है और यूके से कुछ पीछे ही छठे स्थान पर है। यूके की जीडीपी फिलहाल 3.19 लाख करोड़ डॉलर की है 7 प्रतिशत की अनुमानित ग्रोथ के साथ भारत के इसी साल यूके को सालाना आधार पर भी पीछे छोड़ने की संभावना है फिलहाल दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका है जिसके बाद चीन, जापान और जर्मनी की स्थान आता है। भारत की जीडीपी ने बीते 20 साल में 10 गुना बढ़त दर्ज की है।

IMF के द्वारा जारी आंकड़ों और मार्च तिमाही के अंत में डॉलर के एक्सचेंज रेट के आधार पर ब्लूमबर्ग ने जानकारी दी है कि नॉमिनल कैश में भारतीय अर्थव्यवस्था का साइज 854.7 अरब डॉलर था। इसी अवधि में इसी आधार पर यूके की अर्थव्यवस्था का आकार 816 अरब डॉलर था। अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में भारत ब्रिटिश इकोनॉमी के मुकाबले अपनी बढ़त और मजबूत करेगा। इसे देखते हुए IMF ने अनुमान दिया है कि सालाना आधार पर डॉलर मूल्य में भारत यूके को पीछे छोड़कर पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

इस साल भारत की अर्थव्यवस्था के 7% बढ़ने का अनुमान है, जबकि यूके की अर्थव्यवस्था उच्च ऊर्जा कीमतों और बढ़ती उपभोक्ता महंगाई दर से जूझ रही है।