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India-China Border Tension: पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों ने पीछे हटना शुरू कियाः चीनी रक्षा मंत्रालय

नई दिल्लीः भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में पैंगोग झील (Pangong Lake) पर टेंशन कुछ कम होती नज़र आ रही है। 9वें दौर की बातचीत के बाद दोनों सेनाएं पीछे हटने को राज़ी हो गईं हैं। चीन के रक्षा मंत्रालय (Chinese Ministry of Defense) ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग […]

नई दिल्लीः भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में पैंगोग झील (Pangong Lake) पर टेंशन कुछ कम होती नज़र आ रही है। 9वें दौर की बातचीत के बाद दोनों सेनाएं पीछे हटने को राज़ी हो गईं हैं। चीन के रक्षा मंत्रालय (Chinese Ministry of Defense) ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत (India) और चीन (China) की अग्रिम पंक्ति के सैनिक बुधवार से व्यवस्थित रूप से पीछे हटना शुरू हो गए है। हालांकि, भारतीय पक्ष की ओर से इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की गई है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान (Colonel Wu Qian) ने कहा कि भारत और चीन की सीमावर्ती टुकड़ियां पूर्वी लद्दाख में पंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर तैनात हैं, जो बुधवार से व्यवस्थित रूप से पीछे हट गई।

उनके बयान से संबंधित खबर को चीन की आधिकारिक मीडिया ने साझा किया है। कियान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि दोनों देशों के सशस्त्र बलों की सीमावर्ती इकाइयां भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर के नौवें दौर की बातचीत के बाद समझौता हुआ है। दोनों देशों की सेनाओं ने 10 फरवरी से पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई से सैन्य गतिरोध चला आ रहा है।

कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सैनिकों के पीछे हटने का मुद्दा बहुत पेचीदा है। यह सेनाओं पर निर्भर करता है। आपको अपनी (भौगोलिक) स्थिति और घटनाक्रम के बारे में पता होना चाहिए। सैन्य कमांडर इस पर काम कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि सेना के कमांडर अब तक नौ दौर की वार्ताएं कर चुके हैं। हमें लगता है कि कुछ प्रगति हुई है लेकिन इसे समाधान के तौर पर नहीं देखा जा सकता। जमीन पर इन वार्ताओं का प्रभाव दिखाई नहीं दिया है। जयशंकर ने कहा कि उन्होंने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल अपने-अपने समकक्षों से बात की थी और इस बात पर सहमति बनी थी कि कुछ हिस्सों में सैनिकों को पीछे हटना चाहिए।

हालांकि, चीन के साथ सैन्य स्तर की जितनी भी वार्ताएं हुईं हैं उनमें भारत का रूख साफ रहा है। भारत चाहत है कि चीन अप्रैल की शुरुआत वाली स्थिति में वापस लौट जाए। वहीं, जून में दोनों के रिश्ते तब और बिगड़ गए थे, लंबे समय बाद एलएसी पर सैनिकों की शहादत हुई थी। गलवान घाटी में हुई इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन की ओर से भी कई सैनिक मारे गए थे। हालांकि चीन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की।

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