नई दिल्ली: आयकर विभाग ने कांचीपुरम के दो मामलों में 05/10/2021 को छापेमारी की है। इसके तहत एक चिट फंड और फाइनेंसिंग ग्रुप और दूसरे समूह सिल्क साड़ियों और अन्य कपड़ों के खुदरा विक्रेता पर छापेमारी की गई। विभाग ने कांचीपुरम, चेन्नई और वेल्लोर में स्थित 34 परिसरों में तलाशी अभियान चलाया।
चिट फंड समूह मामले के अभियान में, यह पाया गया कि समूह एक अनधिकृत चिट फंड व्यवसाय चला रहा था, और पिछले कुछ वर्षों से समूह द्वारा किए गए 400 करोड़ रुपए के सभी निवेश और भुगतान पूरी तरह से नकद में किए गए थे। सबूतों से पता चला है कि सामूहिक कमीशन और लाभांश के जरिए बेहिसाब आय अर्जित की गई है।
इस दौरान कई वचन पत्र, हस्ताक्षर किए गए पोस्ट-डेटेड चेक और चिटफंड ग्राहकों से कर्ज के बदले गारंटी के नाम पर ली गई पावर ऑफ अटॉर्नी को भी जब्त किया गया है। समूह ने नकद फाइनेंसिंग से ब्याज के जरिए बेहिसाब आय अर्जित की है और इसके अलावा समूह ने बेहिसाब निवेश और खर्च किए हैं।
समूह के सदस्यों और उनके सहयोगियों के नाम पर कई संपत्तियां पंजीकृत होने के दस्तावेज पाए गए हैं और उन्हें जब्त कर लिया गया है। इस समूह के सदस्यों के स्वामित्व वाली संपत्तियों में आलीशान घर, फार्म हाउस और भूमि, लग्जरी वाहन आदि शामिल हैं। इन लोगों ने या तो कोई इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल किया या फिर टैक्स रिटर्न फाइल करने में बहुत थोड़ी सी आय दिखाई है।
चिटफंड समूह के कई सहयोगियों और निवेशकों की जांच की गई और उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने बेहिसाब निवेश किया और बेहिसाब आय अर्जित की है। इन लोगों से 1.35 करोड़ रुपए और करीब 7.5 किलो सोने के आभूषण जब्त किए गए हैं। इस समूह से अब तक 150 करोड़ रुपए से अधिक की अघोषित आय का पता चला है।
सिल्क साड़ियों और अन्य कपड़ों के व्यवसाय में लगे दूसरे समूह के मामले में, पिछले 4 वर्षों के दौरान कम बिक्री दिखाने के साक्ष्य पाए गए हैं। बिक्री में कमी दिखाने के लिए एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के माध्यम से हेराफेरी का पता चला है। इस तरह के जोड़तोड़ के जरिए, समूह के सदस्य नियमित रूप से बेहिसाब नकदी निकालते थे, और भूमि और भवनों में बेहिसाब निवेश करते थे। समूह के सदस्य लग्जरी जीवन शैली पर भारी नकद खर्च करते थे। और नकद में कर्ज देते थे / चुकाते थे और चिट फंड में निवेश आदि करते थे ।
इस जांच में बिना हिसाब के 44 लाख रुपए रुपए नकद और 9.5 किलोग्राम आभूषण जब्त किए गए। कुल मिलाकर इस समूह से 100 करोड़ रुपए की बिना हिसाब की आय जांच में सामने आई है।
इस संबंध में आगे की जांच जारी है।
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