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Agnipath Row: बीजेपी सांसद ने मोदी सरकार की खिंचाई की, कहा- मैं अपनी पेंशन छोड़ने को तैयार हूं’

अगर अल्पावधि सेवा में लगे अग्निवीर पेंशन के पात्र नहीं हैं, तो जनप्रतिनिधियों को यह ‘लाभ’ क्यों दिया जाए? मैं अपनी पेंशन छोड़ने के लिए भी तैयार हूं। राज्य के रक्षकों को पेंशन का अधिकार है। क्या विधायक/सांसद अपनी पेंशन नहीं छोड़ सकते और यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन दी जाए।

नई दिल्ली: पिछले कुछ सालों में उन्हें केंद्र के खिलाफ आक्रामक होते देखा गया है। विजय माल्या जैसे उद्योगपतियों के खिलाफ उनका विरोध हो या कर्ज के दबाव में किसानों की आत्महत्या जैसे मुद्दे – वरुण गांधी (Varun Gandhi) बार-बार मोदी सरकार (Modi Government) की खिंचाई कर चुके हैं।

इस बार भी सांसद ने ‘अग्निपथ’ को लेकर भी कुछ ऐसा ही बोला है। अग्निवीरों के लिए पेंशन की मांग करते हुए वरुण ने कहा कि अगर अग्निवीरों के लिए पेंशन शुरू नहीं की गई तो वह भी पेंशन छोड़ देंगे।

शुक्रवार को उन्होंने ट्वीट किया, “अगर अल्पावधि सेवा में लगे अग्निवीर पेंशन के पात्र नहीं हैं, तो जनप्रतिनिधियों को यह ‘लाभ’ क्यों दिया जाए? मैं अपनी पेंशन छोड़ने के लिए भी तैयार हूं। राज्य के रक्षकों को पेंशन का अधिकार है। क्या विधायक/सांसद अपनी पेंशन नहीं छोड़ सकते और यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि अग्निवीरों को पेंशन दी जाए।”

गौरतलब है कि सेना में संविदा भर्ती की अग्निपथ परियोजना को लेकर देशभर में तीखी नोकझोंक हुई है। केंद्र पहले भी कई बार अग्निपथ के नियमों में बदलाव कर चुका है। केंद्रीय मंत्री, तीनों सेना प्रमुख, सभी अग्निपथ के लाभों को समझाने के लिए मैदान में उतरे। रोजगार के भविष्य को लेकर युवा लगातार चिंतित हैं। सवाल उठता है कि अग्निवीरों को पेंशन क्यों नहीं दी जानी चाहिए। इस बार इसी संदर्भ में मोदी सरकार को उनकी ही पार्टी के विवादित सांसद ने असहज कर दिया।

मोदी ने हाल ही में घोषणा की थी कि अगले डेढ़ साल में 10 लाख नौकरियां पैदा होंगी। वरुण ने फिर उन पर हमला किया और पूछा कि केंद्र देश में केवल 10 लाख नौकरियों की घोषणा क्यों कर रहा है, जहां रिक्तियां 1 करोड़ से अधिक हैं। कुछ दिन पहले ऐसा सवाल उठाने के बाद वरुण ने फिर केंद्र पर हमला बोला।

(एजेंसी इनपुट के साथ)