नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने हिंदू और मुसलमान को लेकर बड़ा दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक ही थे और हर भारतीय नागरिक हिंदू है। उन्होंने कहा कि कहा कि अंग्रेजों ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच गलतफहमियां पैदा कर उनमें लड़ाई करवाई। भागवत ने पुणे में ग्लोबल स्ट्रेटेजिक पॉलिसी फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि समझदार मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथियों के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा हो जाना चाहिए।
मुंबई में ‘राष्ट्र प्रथम-राष्ट्र सर्वाेपारी’ विषय पर एक संगोष्ठी में बोलते हुए, आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अंग्रेजों ने मुसलमानों से कहा कि अगर उन्होंने हिंदुओं के साथ रहने का फैसला किया तो उन्हें कुछ नहीं मिलेगा।
भागवत ने कहा, ‘‘अंग्रेजों ने मुसलमानों से कहा कि केवल हिंदू चुने जाएंगे और उन्हें एक अलग (राष्ट्र) की मांग करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस्लाम भारत से गायब हो जाएगा। क्या ऐसा हुआ? नहीं। मुसलमान सभी पदों पर रह सकते हैं।
इसके अलावा, आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अंग्रेजों ने हिंदुओं से कहा कि मुसलमान चरमपंथी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ अंग्रेजों ने दोनों समुदायों को आपस में लड़ाया। उस लड़ाई और विश्वास की कमी के परिणामस्वरूप, दोनों एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने की बात कर रहे हैं। हमें अपनी दृष्टि बदलने की जरूरत है।’’
सरसंघचालक भागवत ने आगे कहा कि देश को आगे ले जाने के लिए दोनों समुदायों को साथ चलना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी एकता का आधार हमारी मातृभूमि और गौरवशाली परंपरा है। भारत में रहने वाले हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक ही थे।’’
‘हिंदू’ शब्द को परिभाषित करते हुए भागवत ने कहा, ‘‘मेरे दृष्टिकोण से, हिंदू शब्द भारतीय संस्कृति की मातृभूमि, पूर्वज और विरासत का प्रतीक है। ‘हिंदू’ एक जाति या भाषाई संज्ञा नहीं है, बल्कि इसका नाम है एक परंपरा प्रकृति के प्रत्येक व्यक्ति के विकास, उत्थान का मार्गदर्शन करती है। वह जो कुछ भी मानता है, उसकी भाषा, पंथ, धर्म के बावजूद, वह हिंदू है और इस संदर्भ में, हम प्रत्येक भारतीय नागरिक को हिंदू मानते हैं।’’
संगोष्ठी के दौरान बुद्धिजीवियों में मुस्लिम विद्वानों को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘यहां दूसरे की राय का अनादर नहीं होगा, लेकिन हमें भारत के वर्चस्व के बारे में सोचना होगा, मुस्लिम वर्चस्व के बारे में नहीं। देश को आगे ले जाने के लिए सभी को साथ में चलना होगा।’’
उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम आक्रमणकारियों के साथ भारत आया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह इतिहास है और इसे ऐसे ही बताना जरूरी है। मुस्लिम समाज के समझदार नेतृत्व को अत्याचारी चीजों का विरोध करना चाहिए।’’
सरसंघचालक ने ‘मुस्लिम समाज के समझदार नेतृत्व’ को रूढ़िवादी समुदाय का डटकर विरोध करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘यह काम लंबे प्रयास और दृढ़ संकल्प के साथ करना है। हम सभी की परीक्षा लंबी और कठिन होगी। हम जितनी जल्दी शुरू करेंगे, हमारे समाज को उतना ही कम नुकसान होगा।’’
उन्होंने कहा कि अगर भारत महाशक्ति बनता है तो वह किसी को डराने के लिए नहीं बल्कि भारत महाशक्ति बनेगा तो विश्वगुरु के रूप में होगा। सदियों से हम सभी सजीव और निर्जीवों के उत्थान के लिए प्रयासरत हैं। इस कारण किसी को भी भारत के महाशक्ति बनने से नहीं डरना चाहिए।
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