Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में अतिरिक्त एएसआई सर्वेक्षण की हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी है।
इस साल फरवरी में विजय शंकर रस्तोगी ने वाराणसी के सिविल जज (वरिष्ठ डिवीजन) की फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका दायर कर एएसआई को संपूर्ण ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में व्यापक सर्वेक्षण करने का आदेश देने की मांग की थी।
एडवोकेट विजय शंकर रस्तोगी प्राचीन मूर्ति स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर एवं अन्य बनाम अंजुमन इंतेज़ामिया मसाजिद कमेटी के मुकदमे में भगवान विश्वेश्वर के अगले मित्र हैं।
रस्तोगी ने कहा था, “हमने सिविल जज (वरिष्ठ डिवीजन)/फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में याचिका दायर कर संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर में व्यापक सर्वेक्षण करने के लिए एएसआई को आदेश देने की मांग की है।”
रस्तोगी ने अपने आवेदन में न्यायालय से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के महानिदेशक को निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वह पुरातात्विक विधियों, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) और जियो-रेडियोलॉजी सिस्टम तथा उत्खनन या निष्कर्षण कार्य का उपयोग करके बस्ती भूखंड संख्या 9130 पर मौजूद संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करें।
मौजूदा संरचना को कोई नुकसान पहुंचाए बिना केंद्रीय गुंबद, तहखाने और द्वार, कक्ष, सब कुछ का सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। रस्तोगी ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर बस्ती भूखंड संख्या 9130 पर मौजूद है, जो कि संबंधित संपत्ति है। सर्वेक्षण के दौरान, भूखंड संख्या 9130 और दो भूखंडों – संख्या 9131 और 9132 के बीच लिंक, जो भगवान आदि विश्वेश्वर के स्वामित्व में हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)