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सरकार की दखल से खाद्य तेलों के दाम होंगे कम, मदद डेयरी ने कीमत 15-20 रूपए घटाए

जल्द ही खाद्य तेल (edible oils) के दाम कम होंगे। केंद्र ने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए खाद्य तेल कंपनियों से वैश्विक कीमतों में गिरावट के अनुरूप खाद्य तेल की कीमतों में गुरुवार को कटौती करने को कहा। इसका असर तुरंत हुआ और मदर डेयरी ने अपने लोकप्रिय ब्रांड धारा की कीमत 15 से 20 रूपए तक घटा दिया।

नई दिल्ली: जल्द ही खाद्य तेल (edible oils) के दाम कम होंगे। केंद्र ने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए खाद्य तेल कंपनियों से वैश्विक कीमतों में गिरावट के अनुरूप खाद्य तेल की कीमतों में गुरुवार को कटौती करने को कहा। इसका असर तुरंत हुआ और मदर डेयरी ने अपने लोकप्रिय ब्रांड धारा की कीमत 15 से 20 रूपए तक घटा दिया।

बता दें कि भारत खाद्य तेलों का प्रमुख आयातक है। भारत ने 2021-22 के दौरान 1.57 लाख करोड़ रुपये के खाना पकाने के तेल का आयात किया था। भारत मलेशिया और इंडोनेशिया से ताड़ का तेल खरीदता है, जबकि सोयाबीन तेल का आयात अर्जेंटीना और ब्राजील से किया जा रहा है।

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने यहां प्रमुख उद्योग प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के दौरान कहा कि खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) और इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईवीपीए) के प्रतिनिधि वैश्विक कीमतों में गिरावट के बीच खाना पकाने के तेल की खुदरा कीमतों में कमी पर चर्चा करने के लिए बैठक में मौजूद थे।

धारा ब्रांड के तहत कुकिंग ऑयल बेचने वाली मदर डेयरी ने गुरुवार को कहा कि उसने अधिकतम खुदरा कीमतों में 15-20 रुपये प्रति लीटर की कमी की है और नया स्टॉक अगले सप्ताह बाजार में आ जाएगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को डिब्बाबंद मूंगफली तेल का खुदरा मूल्य 189.13 रुपये प्रति किलोग्राम, सरसों का तेल 150.84 रुपये प्रति किलोग्राम, वनस्पति तेल 132.62 रुपये प्रति किलोग्राम, सोयाबीन तेल 138.2 रुपये प्रति किलोग्राम, सूरजमुखी तेल 145.18 रुपये प्रति किलोग्राम और पाम तेल 110.05 रुपये प्रति किलो बिक रहा था।

पूरे विश्व में घटी कीमत
खाद्य मंत्रालय ने कहा कि आयातित खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट का रुख है, जो भारत के लिहाज से अच्छी बात है। खाद्य तेल संघों को सलाह दी गई है कि वे सुनिश्चित करें कि तत्काल प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट के अनुरूप एमआरपी कम किया जाए।

खाद्य मंत्रालय ने उस कीमत को कम करने के लिए भी कहा है, जिस पर निर्माताओं और रिफाइनरों द्वारा वितरकों को खाद्य तेलों की आपूर्ति की जाती है।