नई दिल्ली: टीकाकरण कोरोना महामारी से लड़ने की भारत सरकार की पांच – सूत्री रणनीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। महामारी के नियंत्रण और प्रबंधन की इस रणनीति के तहत अन्य पूरक एवं समान रूप से महत्वपूर्ण उपायों के रूप में टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और कोविड के प्रति उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) शामिल हैं। भारत ने 16 जनवरी 2021 को दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत की। कोविड -19 के टीकाकरण की एक उदारीकृत और त्वरित चरण – 3 की रणनीति 1 मई 2021 से लागू की जाएगी। अपने चरण- III में, इस राष्ट्रीय टीकाकरण रणनीति का उद्देश्य टीके का उदारीकृत मूल्य निर्धारित करना और टीकाकरण के दायरे को बढ़ाना है। टीकाकरण की उदारीकृत रणनीति के हिस्से के रूप में टीकों की खरीद, पात्रता और टीका लगाने की प्रक्रिया को लचीला बनाया गया है।
भारत सरकार ने राज्यों / केन्द्र – शासित प्रदेशों को अब तक 15 करोड़ से अधिक (15,65,26,140) टीके की खुराक प्रदान की हैं। इसमें से टीकों की बर्बादी सहित कुल 14,64,78,983 खुराकों की खपत हुई है।
राज्यों / केन्द्र – शासित प्रदेशों के पास अभी भी 1 करोड़ से अधिक खुराकें (1,00,47,157) लोगों को दिए जाने के लिए उपलब्ध हैं।
राज्यों / केन्द्र – शासित प्रदेशों को अगले 3 दिनों में टीकों की 80 लाख से अधिक (86,40,000) अतिरिक्त खुराकें प्राप्त होंगी।
हाल ही में, महाराष्ट्र के कुछ सरकारी अधिकारियों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह बताया गया है कि राज्य में टीके समाप्त हो गए हैं, जिसकी वजह से राज्य में टीकाकरण अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यह स्पष्ट किया जाता है कि 27 अप्रैल 2021 (सुबह 8 बजे) तक महाराष्ट्र द्वारा कोविड के टीके की कुल 1,58,62,470 खुराकें प्राप्त की गई हैं। इसमें से बर्बादी (0.22 प्रतिशत) सहित टीकों की कुल खपत 1,49,39,410 थी। टीका लेने की पात्रता रखने वाले जनसंख्या समूहों को टीके की खुराक देने के लिए राज्य के पास बची हुई 9,23,060 खुराकें अभी भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा, कोविड के टीके की 3,00,000 खुराकें अगले तीन दिनों में वितरित किए जाने के लिए कतार में हैं।
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