नई दिल्ली: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में कहा कि रेलवे की तरफ से वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को जल्द बहाल किया जा सकता है। उन्होंने राज्यसभा में दिए गए जवाब में बताया कि भारतीय रेलवे ने 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी, जो कि सफर करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए करीब 53 प्रतिशत की एवरेज छूट है।
रेलवे बोर्ड की तरफ से बताया गया कि वरिष्ठ नागरिकों को किराये में रियायत देने का प्लान तैयार किया जा रहा है। रेलवे की तरफ से इस पर विचार चल रहा है, यह छूट पहले की तरह न होकर कुछ अलग हो सकती है। स्थायी समिति इसको लेकर काम कर रही है। वरिष्ठ नागरिकों को कम से कम स्लीपर और 3 एसी में रियायत करने की सलाह दी गई है। संसदीय पैनल ने भी सीनियर सिटीजन को रेलवे टिकट पर छूट बहाल करने की सिफारिश की है।
एक साल पहले जनवरी में हुई 13172 करोड़ रुपये की माल ढुलाई के मुकाबले इस साल 14907 करोड़ हासिल किए गए। जिससे पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत का सुधार हुआ है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में रेलवे को पिछले कुछ सालों के मुकाबले अच्छी कमाई हुई है। रेलवे की कमाई बढ़ने से यात्री वरिष्ठ नागरिकों को टिकट में मिलने वाली छूट बहाल करने की मांग कर रहे हैं। बता दें रेलवे कोविड से पहले वरिष्ठ नागरिकों को टिकट की कीमत में 50 से 60 प्रतिशत की छूट देता था, लेकिन कोविड काल के दौरान इसे बंद कर दिया गया।
माल ढुलाई से 135387 करोड़ की आय
कोविड काल के बाद रेलवे के लिए यह वित्तीय वर्ष सुकून देने वाला साबित हो रहा है। रेलवे ने इस वित्तीय वर्ष में जनवरी 2023 तक माल ढुलाई से 135387 करोड़ रुपये की कमाई की। रेलवे ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में माल ढुलाई से 16 प्रतिशत अधिक आय की है। रेलवे ने जनवरी 2023 तक 1243.46 मीट्रिक टन की माल ढुलाई हासिल की।
इस वर्ष 16% अधिक कमाई
जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले 10 महीनों के लिए भारतीय रेलवे की माल ढुलाई पिछले साल की इसी अवधि की लोडिंग और कमाई को पार कर गई। रेलवे ने पिछले साल के 117212 करोड़ की तुलना में 135387 करोड़ रुपये की कमाई की, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। इस साल जनवरी 2023 के दौरान जनवरी 22 में 129.12 एमटी की लोडिंग के मुकाबले 134.07 एमटी की शुरुआती माल ढुलाई की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4 फीसदी अधिक है।