नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को निशाना बनाने पर पलटवार करते हुए कहा कि किसी ने भी सोचा नहीं था कि दोनों गांधी के खिलाफ इतने निचले स्तर की भाषा बोलने लगेंगे।
गहलोत ने कहा कि भाजपा के नेता थक गए हैं क्योंकि राहुल गांधी इतने हमलों के बावजूद लोगों की आवाज उठाने से पीछे नहीं हटे हैं। इसलिए कांग्रेस छोड़कर आने वाले नेताओं को एक टास्क दिया गया है।।जीवन भर जिस विचारधारा से लड़ने की कसम खाई थी, आज उसी फासीवादी विचारधारा के साथ भाजपा नेताओं के कहने पर खड़े हो गए हैं।
बता दें कि राहुल गांधी और कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए सिंधिया ने आरोप लगाया था कि देश के खिलाफ काम करने वाले गद्दार को छोड़कर पार्टी के पास कोई विचारधारा नहीं बची है। उन्होंने मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद गांधी को स्पेशल ट्रीटमेंट दिए जाने को लेकर कांग्रेस पर हमला किया और न्यायपालिका पर दबाव बनाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस के लिए सिंधिया ने ये बोले थे
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने अपने बयान में कहा कि विपक्ष की पार्टी के नेता एक समुदाय के खिलाफ ऐसी टिप्पणी करें कि पूरा समुदाय चोर है। उस समुदाय को अपमानित करें, हमारे पिछड़े वर्ग को कलंकित करें और उसके बाद ऐसे वक्तव्य दिए जाएं। मैं मानता हूं कि जिस कांग्रेस पार्टी ने पिछड़े वर्ग को कलंकित और अपमानित करने का काम किया है, जिस कांग्रेस पार्टी ने हमारे सैनिकों की वीरता पर प्रमाण मांगा है, जिस कांग्रेस ने ये वक्तव्य दिया है कि हमारे सीमावर्ती इलाके में चीन ने हमारे सैनिकों की पिटाई की है। ऐसी कांग्रेस पार्टी की कोई विचारधारा नहीं बची है। ऐसी पार्टी की केवल एक विचारधारा बची है और वो है एक देशद्रोही की विचारधारा और देश के खिलाफ काम करने की विचारधारा।
आजाद ने कहा था, कांग्रेस में रहने को रीढ़हीन होना जरूरी
इसके पूर्व गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी में बने रहने के लिए रीढ़हीन होना जरूरी है। उन्होंने दावा किया कि मेरे जैसे बहुत लोगों द्वारा कांग्रेस छोड़े जाने की वजह राहुल गांधी ही थे।
सिंधिया को कभी राहुल गांधी के करीबी के रूप में जाना जाता था। उन्होंने साल 2020 में कांग्रेस नेतृत्व के साथ मतभेद के बाद पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे। इसी तरह गुलाम नबी आजाद ने बीते साल कांग्रेस छोड़ दी थी।