नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को तेलंगाना बीमा चिकित्सा सेवा (IMM) कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) विभाग में कथित धोखाधड़ी से जुड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में पूर्व राज्य मंत्री दिवंगत नायिनी नरसिम्हा रेड्डी के दामाद और अन्य के खिलाफ हैदराबाद में सात स्थानों पर छापे मारे।
ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने ‘‘सबूतों के तौर पर 3 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, 1 करोड़ रुपये के आभूषण, खाली चेक, संपत्ति के कागजात और कई लॉकर जब्त किए हैं।’’
श्रीनिवास रेड्डी के अलावा, पूर्व मंत्री देविका रानी के निजी सचिव, मुकुंद रेड्डी के घर, आईएमएस के निलंबित निदेशक देविका रानी, ओमनी ग्रुप के श्रीहरि बाबू उर्फ बाबाजी, एम विनय रेड्डी, मुकुंदा रेड्डी, व्यापारी बुर्रा प्रमोद रेड्डी और ओमनी मेडी का व्यवसाय परिसर पर भी तलाशी ली गई।
ईडी के अधिकारियों ने श्रीनिवास रेड्डी के घर से 1.50 करोड़ रुपये, प्रमोद रेड्डी से 1.15 करोड़ रुपये और विनय रेड्डी से 45 लाख रुपये जब्त किए। छापे के दौरान दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी जब्त किए गए।
ईडी ने यह भी कहा कि तेलंगाना के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज आठ एफआईआर के आधार पर तत्कालीन निदेशक डॉ देविका रानी, उनके पति और कई अन्य लोगों के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के आरोपों के तहत मनी-लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की गई थी। दवाओं की खरीद और आपूर्ति, सर्जिकल किट, भारी कीमत में वृद्धि, ईएसआईसी से सकल विचलन और सरकारी मानदंड, नकली इंडेंट का निर्माण, नकली बिल, दवाइयों का डायवर्जन आदि कई बाते हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इस घोटाले ने प्रोसीड्स ऑफ क्राइम (POC) को लगभग 100 रुपये से 200 करोड़ रुपये तक कर दिया है।’’
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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