राष्ट्रीय

73 वर्षों में पहली बार सुप्रीम कोर्ट का स्थापना दिवस मनाया जाएगा!

सूत्रों का कहना है कि डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के स्थापना दिवस मनाने की परंपरा इसलिए शुरू की है, ताकि इसका भी अपना एक उत्सव हो। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में कोई जश्न नहीं मनाया जाता है। यहां केवल संविधान दिवस मनाया जाता था, जो कि संविधान को समर्पित था। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का स्थापना दिवस मनाकर आम लोगों तक इस बात की जानकारी देना चाहते हैं कि आखिर सुप्रीम कोर्ट काम कैसे करता है और विदेशों में हो रही कार्रवाई से यहां की कार्रवाई कैसे अलग होती है।

नई दिल्ली: 73 वर्षों में पहली बार 4 फरवरी को पहली बार भारत के सर्वोच्च न्यायालय का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सुंदरेश मेनन मुख्य अतिथि होंगे, जो ‘बदलती दुनिया में न्यायपालिका की भूमिका’ के बारे में बात करेंगे। इसमें वकालत से जुड़ी देश-विदेश की कई हस्तियां शिरकत करने वाली हैं। यह कार्यक्रम भारत के सुप्रीम कोर्ट की 73वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम में जस्टिस संजय किशन कौल स्वागत भाषण देंगे और मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ भी अपने विचार रखेंगे। सीजेआई ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन को आमंत्रित करना सम्मान की बात है। बता दें कि सिंगापुर के सीजेआई, सुंदरेश मेनन भारतीय मूल के न्यायाधीश हैं।

सूत्रों का कहना है कि डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के स्थापना दिवस मनाने की परंपरा इसलिए शुरू की है, ताकि इसका भी अपना एक उत्सव हो। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में कोई जश्न नहीं मनाया जाता है। यहां केवल संविधान दिवस मनाया जाता था, जो कि संविधान को समर्पित था। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का स्थापना दिवस मनाकर आम लोगों तक इस बात की जानकारी देना चाहते हैं कि आखिर सुप्रीम कोर्ट काम कैसे करता है और विदेशों में हो रही कार्रवाई से यहां की कार्रवाई कैसे अलग होती है।

बता दें कि 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस के ठीक दो दिन बाद 28 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट अस्तित्व में आया था। भारत के संघीय न्यायालय और प्रिविपर्स काउंसिल का विलय करके सुप्रीम कोर्ट बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के स्थापना दिवस की शुरुआत सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई में शुरू किया जा रहा है।