नई दिल्ली: विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगने के बाद पतंजलि (Patanjali) आयुर्वेद के सह-संस्थापक योग गुरु स्वामी रामदेव (Baba Ramdev) बुधवार को अपनी कंपनी के दावों पर अड़े रहे और कहा कि वे ‘झूठे’ नहीं हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ डॉक्टर उनके और उनकी कंपनी पतंजलि के खिलाफ दुष्प्रचार चलाने के लिए एक साथ आए हैं, ताकि इसे और योग की सदियों पुरानी पद्धति को बदनाम किया जा सके।
योग गुरु रामदेव ने बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “कल से अलग-अलग मीडिया साइट्स पर एक खबर वायरल हो रही है कि सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पतंजलि को फटकार लगाई है. SC ने कहा कि अगर आप गलत प्रचार करेंगे तो जुर्माना लगेगा. हम SC का सम्मान करते हैं. लेकिन हम कुछ झूठा प्रचार नहीं कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे ये भी कहा कि अगर उनकी कंपनी झूठ फैला रही है तो वो आर्थिक दंड और यहां तक कि मौत की सजा भी भुगतने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर वह पतंजलि के विज्ञापनों में किए गए दावों को साबित करने में कामयाब होते हैं तो गलत प्रचार करने वालों को सजा मिलनी चाहिए।
रामदेव ने बुधवार को कहा, “अगर हम झूठे हैं, तो हम पर 1000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाएं, और हम मौत की सजा के लिए भी तैयार हैं। लेकिन अगर हम झूठे नहीं हैं, तो उन लोगों को दंडित करें जो वास्तव में गलत प्रचार कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि पतंजलि द्वारा जारी आयुर्वेदिक उत्पादों में सभी आवश्यक नैदानिक साक्ष्य हैं।
उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दिनों से स्वामी रामदेव और पतंजलि को निशाना बनाने के लिए दुष्प्रचार किया जा रहा है। यह सिर्फ सदियों पुरानी योग पद्धतियों को बदनाम करने के लिए है और दावा किया जा रहा है कि आयुर्वेद में ऐसा कुछ भी नहीं है और इससे आपके किडनी और लीवर जैसे अंग खराब हो जाएंगे। यह स्पष्ट प्रचार है। हमारे पास अनुसंधान साक्ष्य, पूर्व और बाद के नैदानिक साक्ष्य हैं। पतंजलि को बदनाम करने के लिए प्रचार चल रहा है।”