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आतंकवाद को खत्म करने के लिए लड़ें या फिर तबादला करवा लेंः अमित शाह

नई दिल्लीः 2019 में केंद्र के अनुच्छेद 370 के कदम के बाद से घाटी की अपनी पहली यात्रा के दौरान जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की विस्तृत समीक्षा के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों से कहा, ‘‘आतंकवाद को समाप्त करने के लिए लड़ें या फिर यहां से तबादला करवा लें।’’ उन्होंने […]

नई दिल्लीः 2019 में केंद्र के अनुच्छेद 370 के कदम के बाद से घाटी की अपनी पहली यात्रा के दौरान जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की विस्तृत समीक्षा के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों से कहा, ‘‘आतंकवाद को समाप्त करने के लिए लड़ें या फिर यहां से तबादला करवा लें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के कल्याण की चिंता मत करो, वो हम देखेंगे, यदि आप आतंकवाद को खत्म करने पर काम करते हैं। जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शाह के हवाले से कहा, हम घाटी में आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस रखते हैं।

शाह का सीधा संदेश पिछले सप्ताह शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए हुई बैठक के दौरान आया। अधिकारी ने बताया कि इसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव, डीजीपी कश्मीर, आईजी कश्मीर, इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ प्रमुखों और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने भाग लिया। गृह मंत्री की चार दिवसीय यात्रा घाटी में नागरिकों पर हालिया हमलों के बीच हुई है।

बैठक में, वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शाह ने खुफिया प्रमुखों को संबोधित किया और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को रोकने के लिए “योग्य” समाधानों के बारे में पूछताछ की। खुफिया प्रमुखों ने गृह मंत्री को उनके कामकाज की शैली के बारे में बताया और बताया कि स्थानीय अधिकारी खुफिया जानकारी पर काम नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि जांच होगी और सीबीआई घाटी में आएगी। इस पर शाह ने कहा कि जो डरे हुए हैं उन्हें कश्मीर में काम नहीं करना चाहिए और इसके बदले उन्हें अच्छी पोस्टिंग लेनी चाहिए।

शाह ने कहा, ‘‘यहां रहकर, उन्हें हम पर एहसान नहीं करना चाहिए।’’ सूत्र ने कहा कि शाह का संदेश जोरदार और स्पष्ट था कि जो जम्मू-कश्मीर में काम करने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें तुरंत घाटी को छोड़ देना चाहिए।

सूत्र ने कहा कि शाह ने सेना कमांडर से भी बात की और उन्हें सुरक्षा व्यवस्था में ’चूक’ के बारे में बताया। एचएम को बताया गया कि 2021 में केवल 11 घुसपैठ हुई थी और यह संख्या काफी हद तक कम हो गई थी। हालांकि, शाह ने कहा कि अगर केवल 11 घुसपैठ हुई होती, तो हत्याओं की संख्या भी कम होनी चाहिए।

शाह ने कहा कि घाटी में 11 घुसपैठ और इतने सारे आतंकवादियों के मारे जाने के साथ ही आतंकवाद को वहीं खत्म कर देना चाहिए था, जो हो नहीं रहा था। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री ने कहा ‘‘क्या आपको लगता है कि यह सही उत्तर है?’’

गृह मंत्री ने अधिकारियों से बिना किसी झिझक के सभी ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) को गिरफ्तार करने के लिए भी कहा। सूत्रों ने शाह के हवाले से कहा, ‘‘उन्हें राष्ट्र विरोधी काम करने के लिए कार्रवाई का सामना करने दें।’’ ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) वे हैं जो जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों को रसद सहायता, नकद, आवास और अन्य सुविधाएं प्रदान करते हैं। पुलिस एक ओजीडब्ल्यू को ‘विद्रोहियों का समर्थन करने वाले’ के रूप में वर्गीकृत करती है।

सुरक्षा बलों ने हाल ही में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), अल-बद्र और द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के 900 से अधिक ओजीडब्ल्यू को हिरासत में लिया था।

घाटी में हाल ही में नागरिकों पर कई हमले हुए हैं, जिनमें से केवल इसी महीने मारे गए हैं। मारे गए लोगों में पांच बिहार के मजदूर थे, जबकि दो शिक्षकों सहित तीन कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के थे।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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