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Lakhimpur Kheri: किसान या आतंकी? लखीमपुर खीरी में हैवानियत का नंगा नाच!

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी जिला कल शाम से पूरे भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिले में हैवानियत का नंगा नाच चल रहा था और प्रशासन बेबस नजर आया। बता दें कि रविवार को उपमुख्यमंत्री का जिले में दौरा था, जिसका किसान विरोध कर रहे थे। सब कुछ सामान था, […]

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी जिला कल शाम से पूरे भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिले में हैवानियत का नंगा नाच चल रहा था और प्रशासन बेबस नजर आया। बता दें कि रविवार को उपमुख्यमंत्री का जिले में दौरा था, जिसका किसान विरोध कर रहे थे। सब कुछ सामान था, लेकिन शाम को घटनाक्रम में तब्दीली आई और प्रदर्शन हिंसक हो गया। किसान संगठनों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे अशीष मिश्रा उर्फ मोनू और उसके समर्थकों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ियां चढ़ाने का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ, उग्र भीड़ ने मोनू के ड्राइवर समेत 4 लोगों की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। 

किसान को भारत में अन्नदाता का दर्जा दिया गया है। लेकिन जो घटना कल शाम हुई उन्हें किसान नहीं कहा जा सकता। जिस तरह से उन्होंने गाड़ियों में आग लगाई और लोगों को भगा-भगाकर बेरहमी से पीटा गया और चार लोगों की हत्या कर दी, ये काम किसानों का नहीं हो सकता। इन्हें किसान कहें या आतंकवादी, जो खालिस्तानी समर्थक कहे जा रहे हैं। तस्वीरों में साफ नज़र आ रहा है कि खालिस्तानी समर्थक भीड़ में शामिल हो गए और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को हिसंक बना दिया, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई। इस काम के पीछे खालिस्तानी समर्थकों का हाथ बताया जा रहा है। 

बता दें कि कल हुए हिंसक घटना में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे अशीष मिश्रा उर्फ मोनू के ड्राइवर जिसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वह हाथ जोड़कर अपनी जिंदगी की भीख मांगता रहा, लेकिन उग्र भीड़ ने उसे बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। ड्राइवर की डेढ़ साल पहले ही शादी हुई थी और उसका एक छोटा बच्चा भी है।

जिस ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या की गई है, उसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि ड्राइवर के सिर से खून निकल रहा है। वह बहुत घबराया है। उसके चेहरे और आंखों में मौत का डर साफ झलक रहा है। वह सामने खड़ी भीड़ से दया की भीख मांग रहा है, लेकिन उग्र भीड़ को उस पर दया नहीं आती है। तभी एक व्यक्ति आता है और उसके सिर पर जोड से डंडा मारकर उसका काम तमाम कर देता है। उसके बाद भी लोग उसे और उसके दूसरे साथियों को लगातार पीटते रहते हैं।

वह हाथ जोड़कर छोड़ने के लिए गिड़गिड़ाता है लेकिन उसकी कोई नहीं सुनता। कुछ लोग चिल्लाते हैं, ‘मारो इसका मार डालो’। बीच-बीच में गालियों की आवाज भी आती है। वह जान की भीख मांगता है लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजता है।

ड्राइवर हाथ जोड़कर कह रहा है दादा-दादा….छोड़ दो। भीड़ में कुछ लोग उससे जबरदस्ती कहलवा रहे हैं कि कहो मोनू ने लोगों को मारने के लिए भेजा था। गाड़ी चढ़ाने के लिए कहा था। ड्राइवर कह रहा है मोनू ने भेजा था लेकिन गाड़ी चढ़ाने के लिए नहीं। फिर कुछ लोग उसे डंडा दिखाते हैं और जबरन मनमानी बात कहने के लिए कहते हैं। ड्राइवर नहीं कहता है तो सभी लोग उसके ऊपर टूट पड़ते हैं और बुरी तरह से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर देते हैं।

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