राष्ट्रीय

सोशल मीडिया के दौर में फेक न्यूज बड़ी चुनौती: राष्ट्रपति मुर्मू

स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सही जानकारी ऑक्सीजन की तरह, भारत की छवि निखारने में IIS अधिकारियों की अहम भूमिका, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नवीनतम तकनीकों का उठाएं लाभ

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने बुधवार को भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सोशल मीडिया के दौर में सूचनाओं के व्यापक और त्वरित प्रसार के साथ तेजी से फैलने वाली फेक न्यूज की बड़ी चुनौती भी सामने आई है।

उन्होंने कहा कि आईआईएस अधिकारियों को फेक न्यूज से निपटने की जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने अधिकारियों से तकनीक का उपयोग करने और फेक नैरेटिव बनाने के लिए मीडिया, विशेष रूप से सोशल मीडिया के दुरुपयोग की प्रवृत्ति को रोकने के लिए समर्पण के साथ काम करने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और इसके कामकाज के बारे में नागरिकों को जागरूक बनाने में कम्युनिकेशन की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रभावी संचार के माध्यम से और सही जानकारी के साथ, आईआईएस अधिकारी नागरिकों को देश की प्रगति में भागीदार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

मुर्मू ने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत की छवि को निखारने में आईआईएस अधिकारियों की अहम भूमिका है। भारत ने हमेशा दुनिया को शांति और भाईचारे का संदेश दिया है। संपूर्ण मानवता के लिए सांस्कृतिक संदेशों के माध्यम से भारत की सॉफ्ट पावर को फैलाना एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां हम बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सही जानकारी ऑक्सीजन का काम करती है। तकनीक का सही प्रयोग कर हम समाज के अंतिम व्यक्ति तक सही जानकारी पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सामने एक और चुनौती ये है कि नई तकनीकों का उपयोग वे लोग भी करेंगे, जो फेक न्यूज का व्यापार करते हैं। अधिकारियों को इस तरह के दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए अच्छी तरह से तैयार होना चाहिए और गलत सूचनाओं के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नवीनतम तकनीकों का भी लाभ उठाया जाना चाहिए।

मुर्मू ने कहा कि सूचनाओं का प्रसार करते समय समग्र दृष्टिकोण अपनाने का प्रयास करना चाहिए। आप महसूस करेंगे कि प्रत्येक सिस्टम अपनी तकनीकी शब्दावली विकसित करता है, जिसे आम लोगों द्वारा आसानी से नहीं समझा जा सकता। यहीं पर आईआईएस अधिकारियों का काम महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को लोगों द्वारा समझी जाने वाली भाषा और उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले माध्यम से संवाद करने और सूचित करने में सक्षम होना चाहिए।

इस अवसर पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा, संयुक्त सचिव श्री संजीव शंकर, भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक आशीष गोयल एवं भारतीय सूचना सेवा की पाठ्यक्रम निदेशक नवनीत कौर सहित वर्ष 2018, 2019, 2020, 2021 और 2022 बैच के अधिकारी और प्रशिक्षु अधिकारी भी उपस्थित रहे।