नई दिल्लीः भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शुक्रवार (14 जनवरी, 2022) को ‘2021 के दौरान भारत की जलवायु’ पर एक बयान जारी किया और कहा कि देश ने पिछले साल चरम मौसम की घटनाओं के कारण लगभग 1,750 मौतें देखीं।
मौसम विभाग (Met department) ने कहा कि 350 लोगों की मौत के साथ महाराष्ट्र (Maharashtra) सबसे अधिक प्रभावित राज्य था, इसके बाद ओडिशा (Odisha) और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का स्थान है।
इसने बताया कि पिछले साल भारत में आंधी और बिजली गिरने से 780 से अधिक लोगों की जान चली गई, जबकि भारी बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 759 लोगों की मौत हो गई।
आईएमडी (IMD) ने कहा कि चक्रवाती तूफान ने 172 लोगों की जान ले ली और खराब मौसम की घटनाओं के कारण 32 अन्य लोगों की मौत हो गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारी बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में महाराष्ट्र (Maharashtra) में 215, उत्तराखंड (Uttarakhand) में 143, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में 55, केरल (Kerala) में 53 और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में 46 लोगों की जान चली गई।
ओड़िशा में गरज और बिजली गिरने से 213, मध्य प्रदेश में 156, बिहार (Bihar) में 89, महाराष्ट्र में 76, पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 58, झारखंड (Jharkhand) में 54, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 49 और राजस्थान (Rajasthan) में 48 लोगों की जान चली गई।
मौसम विभाग ने कहा कि ओडिशा में 223, मध्य प्रदेश में 191, उत्तराखंड में 147, बिहार में 102, उत्तर प्रदेश में 98, गुजरात (Gujarat) में 92 और पश्चिम बंगाल में 86 लोगों की मौत हुई है।
केरल में 67, राजस्थान में 62, हिमाचल प्रदेश में 59, झारखंड में 57, आंध्र प्रदेश में 50, कर्नाटक (Karnataka) में 45, तमिलनाडु (Tamil Nadu) में 34, जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में 32, तेलंगाना (Telangana) में 25 और असम (Assam) में 14 लोगों की मौत हुई।
मौसम की चरम घटनाओं के कारण दिल्ली (Delhi) में दर्ज सात मौतों में से चार भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुईं, जैसा कि आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है।
आईएमडी ने यह भी कहा कि 2021 1901 के बाद से रिकॉर्ड पर पांचवां सबसे गर्म वर्ष था। इसने यह भी कहा कि 15 में से 11 सबसे गर्म वर्ष हाल के पंद्रह वर्षों (2007-2021) के दौरान थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)