नई दिल्ली : साल 2018 से 2019 के बीच सांप्रदायिक दंगों के मामले में 761 लोगों को दोषी ठहराया गया है। इसके अलावा 8,565 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोकसभा में यह जानकारी दी।
नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों को रखते मंत्रालय ने कहा कि हर साल दंगों में कमी आ रही है। दंगों को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली ने सवाल पूछा था।
बसपा सांसद ने पूछा था कि क्या देश में दंगे हर साल बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी पूछा था कि दंगों की जांच और पीड़ितों को राहत देने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक इन सालों में 8358 लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई है। हर साल दिल्ली में गिरफ्तारियों, चार्जशीट और दोषी करार दिए जाने वालों की संख्या बढ़ी है।
दिल्ली दंगों में कोई गिरफ्तारी नहीं
आंकड़ों के मुताबिक 2018 में दिल्ली दंगों को लेकर कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी। 2019 में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 2020 में 394 लोग गिरफ्तार हुए। बिहार में इस साल सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां हुईं।
मंत्रालय ने बताया कि अप्रैल 2008 से अगस्त 2016 के बीच पीड़ितों के परिवारों को 3 लाख रुपये की मदद दी गई है और अगस्त 2016 के बाद 5 लाख रुपये की मदद दी गई है।
2016 से 2020 के बीच 3400 मामले दर्ज
इससे पहले लोकसभा में केंद्र ने बताया था कि 2016 से 2020 के बीच दंगों के करीब 3400 मामले दर्ज किए गए। वहीं केंद्र ने बताया था कि 2020 में सांप्रदायिक दंगों के 857 मामले दर्ज किए गए हैं।
केंद्र ने बताया था कि मॉब लिंचिंग का रिकॉर्ड एनसीआरबी के डेटा में नहीं होता है।