नई दिल्लीः कांग्रेस पार्टी ने रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को यह दावा करने के लिए फटकार लगाई कि वह तीन दिनों में सीमा पर लड़ाई के लिए तैयार हो सकता है। जबकि मोर्चे पर जाने और सीमा पर लड़ने के लिए भारतीय सेना को महीनों लग सकते हैं। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद बढ़ रहा है और राज्य का विकास ठंडे बस्ते में है।
आरएसएस और विशेष रूप से इसके प्रमुख सरसंघचालक मोहन भागवत के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यहां समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत के दौरान आरोप लगाया था।
सिब्बल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को उनके फरवरी 2018 के बयान के बारे में याद दिलाने की मांग की, जिसमें उन्होंने कहा था कि सीमा पर लड़ने के लिए सेना के महीनों लग सकते हैं, लेकिन आरएसएस तीन दिनों में लड़ने के लिए तैयार हो सकता है।
सिब्बल ने कहा, “आरएसएस के नेताओं को कभी भी इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। यह लगभग दुर्भाग्यपूर्ण है कि भागवत जी ने कहा कि वे 3 दिनों में तैयार हो सकते हैं। 2018 से तीन साल हो गए हैं। आप तैयार होकर सीमा पर क्यों नहीं जाते? ऐसी स्थिति रखने वाले भागवत जी जब इस तरह के बयान देते हैं तो अर्थ होना चाहिए। किसी तरह की ईमानदारी होनी चाहिए। उन्हें अपने बयान का सम्मान करना चाहिए।’’
सिब्बल ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की विकास पहल और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई पर आरएसएस प्रमुख से सवाल किया। कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘हम उन नौ लोगों को सलाम करते हैं जिन्होंने हमारे लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। हमने अपने बेटों को आतंकवादियों के हाथों खो दिया है। मोहन भागवत जी किस विकास की बात कर रहे हैं? उग्रवाद सिर चढ़कर बोल रहा है। जब यूपीए सत्ता में थी तो पुंछ में ऐसी चीजें कभी नहीं हुईं।’’
जम्मू-कश्मीर में विकास के मुद्दे पर सिब्बल ने कहा, “भागवत जी कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में बहुत बड़ा विकास हुआ है। हम देखना चाहते हैं कि विकास क्या है और, जमीन पर क्या है। केंद्रीय गृह मंत्री ने वादा किया कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद विधानसभा चुनाव होंगे। तथ्य यह है कि उन्होंने उस प्रतिबद्धता का सम्मान नहीं किया है क्योंकि उन्हें पता है कि जम्मू-कश्मीर में कुछ भी सामान्य नहीं है।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि वह जम्मू-कश्मीर को सुरक्षित करने में विफल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को 2014 और 2019 में दिए अपने दो बयानों की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘जरा उन जवानों के बारे में सोचो जिन्होंने अपनी जान गंवाई, उनकी माताओं के बारे में सोचो।’’ सिब्बल ने कहा कि आलोचना करना आसान है लेकिन यह स्वीकार करना मुश्किल है कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर को सुरक्षित करने में विफल रही है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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