नई दिल्लीः ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोरोना के दो टीकों कोवैक्सिन और कोविशील्ड के मिश्रण पर स्टडी को मंजूरी दे दी है। अब वैज्ञानिक इस पर शोध करेंगे कि फुल वैक्सीनेशन कोर्स के लिए क्या किसी व्यक्ति को एक खुराक कोवैक्सीन और दूसरी कोविशील्ड की दी जा सकती है। कोरोना से जंग में इसे सरकार का महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को कहा कि भारत के दवा नियामक ने क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी), वेल्लोर द्वारा कोविड-19 टीकों कोवाक्सिन और कोविशील्ड के मिश्रण पर किए जाने वाले एक अध्ययन को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के एक विशेषज्ञ पैनल ने 29 जुलाई को अध्ययन करने की अनुमति देने की सिफारिश की थी। इस परीक्षण में 300 स्वस्थ स्वयंसेवकों को शामिल किया जाएगा।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘अध्ययन का उद्देश्य इस बात की व्यवहार्यता का आकलन करना है कि क्या किसी व्यक्ति को दो अलग-अलग वैक्सीन एक कोविशील्ड और एक कोवैक्सिन के शॉट दिए जा सकते हैं।’’
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में 98 लोग शामिल थे, जिनमें से उत्तर प्रदेश में 18 लोगों ने अनजाने में कोविशील्ड को पहली खुराक और कोवैक्सिन की दूसरी खुराक लगवा ली थी। यह दर्शाता है कि एक ही टीके की दो खुराक की तुलना में प्रतिरक्षण क्षमता दो कोविड-19 टीकों के संयोजन से बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन के संयोजन के साथ टीकाकरण सुरक्षित था और समान खुराक आहार की तुलना में प्रतिकूल प्रभाव भी समान पाए गए।
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