नई दिल्ली: चीन कथित तौर पर क्षेत्र में अपनी नौसैनिक उपस्थिति के आकार और प्रभाव को बढ़ाने के लिए हिंद महासागर में सर्वेक्षण कर रहा है। इन सर्वेक्षणों को चीन द्वारा हिंद महासागर क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People’s Liberation Army) नौसेना का प्रभुत्व स्थापित करने की एक बड़ी योजना का हिस्सा माना जा रहा है।
भारत और क्षेत्र के अन्य देश हिंद महासागर में चीन की बढ़ती नौसैनिक उपस्थिति से चिंतित हैं। कुछ पर्यवेक्षकों ने जोर देकर कहा है कि चीन का अंतिम उद्देश्य पास में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का एक सैन्य अड्डा बनाना हो सकता है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हाल के वर्षों में, चीन ने पीएलए नौसेना (पीएलएएन) में महत्वपूर्ण निवेश किया है, जिसमें नए युद्धपोतों का निर्माण और अत्याधुनिक नौसैनिक तकनीकों का विकास शामिल है। चीनी PLA के पास अब हिंद महासागर क्षेत्र सहित चीन की सीमाओं से दूर सैन्य बल को प्रोजेक्ट करने की क्षमता है।
अपने महत्वपूर्ण व्यापार मार्गों और प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के कारण, हिंद महासागर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। चीन के प्रभाव का विस्तार और पीएलए नौसेना (प्लान) की बढ़ती ताकत हिंद महासागर क्षेत्र में प्रमुख राष्ट्र के रूप में भारत की स्थिति को चुनौती दे रही है।
हिंद महासागर में चीन के प्रवेश से क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता बहुत प्रभावित हो सकती है। हिंद महासागर में शक्ति संतुलन बदलने की संभावना है क्योंकि चीन की पीएलए नौसेना (प्लान) अधिक शक्तिशाली और सक्षम हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप तनाव और संघर्ष बढ़ सकता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)