नई दिल्ली: इंफोसिस के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति की सादगी जग जाहिर हैं। बुधवार को राष्ट्रपति भवन में भी इसकी बानगी दिखी। दरअसल, सुधा को पद्म भूषण सम्मान मिलना था। इस सम्मान समारोह का साक्षी बनने सुधा के परिवार के लोग भी शामिल होने आए थे। सुधा की फैमिली मेंबर में उनकी बेटी और ब्रिटेन की फर्स्ट लेडी (ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक की पत्नी) अक्षता मूर्ति भी इस कार्यक्रम में शामिल होने आई थीं और वह अपने पिता के साथ बीच की लाइन में बिना किसी दिखावा के सहजता से बैठी हुई थीं।
इस बीच वहां के अधिकारियों को अक्षता मूर्ति (Akshata Murthy) के बारे में जानकारी मिली तो वे एक्टिव हो गए। ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक (Rishi Sunak) की पत्नी होने के नाते वह ब्रिटेन की फर्स्ट लेडी का दर्जा रखती हैं। यानी वह सुधा मूर्ति की बेटी की जगह प्रोटोकॉल के दर्जे में शामिल हो गई थीं। राष्ट्रपति भवन में मौजूद अधिकारी ने प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए अक्षता को तुरंत आगे की लाइन में ले आए और समारोह शुरू होने से पहले उन्हें विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) के बगल में बैठाया।
दरअसल, अक्षता जब अपने पिता नारायण मूर्ति, भाई रोहन मूर्ति और मां सुधा की बहन के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंची थीं। उनके साथ कोई ब्रिटिश सुरक्षा भी नहीं थी। आम तौर पर जब किसी देश की कोई फर्स्ट लेडी किसी दूसरे देश में जाती हैं तो उसके पास सुरक्षा जरूर होती है। लेकिन अक्षता के पास कोई सुरक्षा घेरा नहीं था। हालांकि, अधिकारियों ने न केवल अक्षता को ही आगे की लाइन में बैठाया और उनके परिवार के अन्य सदस्य बीच की लाइन में ही बैठे रहे।