नई दिल्ली: 2024 में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections 2024) और अगले कुछ महीनों में राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव फतह के लिए बीजेपी का माइक्रो मैनेजमेंट मेगा प्लान तैयार हो चुका ह। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी ने पहली बार पार्टी के कामकाज को सरल बनाने के लिए देशभर को तीन सेक्टर में बांटा। इसके लिए बीजेपी ने नार्थ रीजन, साउथ रीजन और ईस्ट रीजन बनाए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, 6, 7 और 8 जुलाई को देश के अलग-अलग हिस्सों में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन मंत्री के साथ रीजन के प्रमुख नेताओं की बैठक होगी। 6 को ईस्ट रीजन, 7 को नॉर्थ रीजन और 8 को साउथ रीजन की बैठक होना तय हुआ है।
बताया जा रहा है कि बैठक में रीजन में आने वाले राज्य प्रभारी, राज्य के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद रहेंगे। इसे रीजन की कार्यकारिणी के तौर पर भी देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इसे बीजेपी की बड़ी रणनीतिक एक्सरसाइज माना जा रहा है।
कहां, कब और किस रीजन की बैठक
6 जुलाई को ईस्ट रीजन की बैठक गुवाहाटी में होगी। इसमें बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा के पार्टी से जुड़े लोग शामिल होंगे।
7 जुलाई को नॉर्थ रीजन की बैठक दिल्ली में होगी। इसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, गुजरात, दमन दीव-दादर नगर हवेली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा के बीजेपी नेता शामिल होंगे।
इसी तरह 8 जुलाई को साउथ रीजन की बैठक हैदराबाद में होगी। जिसमें केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मुंबई, गोवा, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बातचीत होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य प्रदेश दौरे के बाद उनके आवास पर बीते बुधवार को बीजेपी की बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में 2023 के आखिर में होने वाले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई है। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीजेपी संगठन मंत्री बीएल संतोष मौजूद रहे।
इसी बीच सूत्रों ने बताया कि संगठन में फेरबदल को लेकर किए गए मंथन के बाद पीएम मोदी के साथ ये मीटिंग हुई है। ऐसे में संगठन और मंत्रिमंडल में कई फेरबदल हो सकते हैं।