नई दिल्लीः 28 जनवरी 2021 तक 9 राज्यों (केरल, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश और पंजाब) में पोल्ट्री (कुक्कुट) पक्षियों में एवियन इन्फ्लुएंज़ा (बर्ड फ़्लू) की पुष्टि हुई है, जबकि 12 राज्यों (मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू और कश्मीर और पंजाब) में कौव्वे, प्रवासी पक्षियों और जंगली पक्षियों में इस संक्रमण के प्रकोप की पुष्टि की गई है। पंजाब के एसएएस नगर जिले के डेराबस्सी के पोल्ट्री नमूनों में एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है।
इसके अलावा, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर (सोपोर) में कौव्वे में; महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में मोर में और महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के उल्लू से प्राप्त नमूने में बर्ड फ्लू की पुष्टि की गई है।
हालांकि गुजरात के राजकोट और जूनागढ़ जिले से मोरनी और तीतर के नमूनों से एवियन इन्फ्लुएंज़ा की पुष्टि नहीं हुई है और येनमूने जांच में नकारात्मक आए हैं। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तर प्रदेश और गुजरात के प्रभावित क्षेत्रों में नियंत्रण और संचालन अभियान (सफाई और कीटाणुशोधन) चल रहा है।
उन किसानों औरपशुपालकों को मुआवज़ा दिया जाता है, जिनके पोल्ट्री (कुक्कुट) पक्षियों, अंडों और पोल्ट्री चारा को राज्य की विशेष कार्य योजना के अनुसार निपटाया / निस्तारित किया जाता है। भारत सरकार का पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) अपनी पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत पशु रोगों के नियंत्रण के लिए राज्यों कोसहायता -एएससीएडी के तहत 50:50 प्रतिशत सहयोग के आधार पर राज्यों /केंद्रशासित प्रदेशों को सहायता राशि उपलब्ध कराता है।
एवियन इन्फ्लुएंज़ा 2021 से निपटने की तैयारी, नियंत्रण और निस्तारीकरण के लिएसंशोधित कार्य योजना के आधार पर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाए गए नियंत्रण उपायों के बारे में सभी राज्य दैनिक आधार पर विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहे हैं।
विभाग ट्विटर और फेसबुक हैंडल जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से एवियन इन्फ्लुएंज़ा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।
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