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Bird Flu Update: अब तक 10 राज्यों में हुई एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि

नई दिल्लीः दस राज्यों में 13 जनवरी, 2021 तक एवियन इन्फ्लूएंजा के मामलों की पुष्टि की गई है। जम्मू और कश्मीर के गंदरबल जिले और झारखंड के 4 जिलों में पक्षियों की अस्वाभाविक मृत्यु के मामले सामने आए हैं।पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव की अध्यक्षता में 12 जनवरी, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक हुई […]

नई दिल्लीः दस राज्यों में 13 जनवरी, 2021 तक एवियन इन्फ्लूएंजा के मामलों की पुष्टि की गई है। जम्मू और कश्मीर के गंदरबल जिले और झारखंड के 4 जिलों में पक्षियों की अस्वाभाविक मृत्यु के मामले सामने आए हैं।पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव की अध्यक्षता में 12 जनवरी, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक हुई जिसमें 17 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में राज्यों को सलाह दी गई कि वे कार्ययोजना 2021 के अनुसार अपने-अपने राज्यों में एवियन इन्फ्लूएंजा फैलने से रोकने का कारगर प्रबंध करें।

स्थिति से निपटने के लिए राज्यों से स्वास्थ्य तथा वन विभाग के साथ ताल-मेल करने और उन्हें इस मामले में संवेदी बनाने को कहा गया है। राज्यों से यह भी कहा गया है किवे सुरक्षा उपकरण की पर्याप्त सप्लाई बनाए रखें तथा पोल्ट्री फार्मों में जैव सुरक्षा उपायों को जारी रखें। राज्यों को संक्रमण की पहचान करने और समय से नियंत्रण व्यवस्था करने में तेजी के लिए राज्यस्तरीय बीएसएल-II प्रयोगशालाओं को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है। राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि वे पोल्ट्री में संक्रमण पर नियंत्रण रखें क्योंकि इससे कुक्कुट पालन करने वाले किसानों को अधिक आर्थिक कीमत चुकानी होगी। यह पाया गया कि अनेक राज्य दूसरे राज्यों से पोल्ट्री उत्पादों की सप्लाई पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। पोल्ट्री उद्योग पर इसके नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए राज्यों से ऐसे निर्णय पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया गया है।

अनेक राज्यों द्वारा समाचार पत्रों में विज्ञापनों, सेमिनार आदि के माध्यम से जागरूकता गतिविधियां चलाई जा रही हैं। राज्यों को ऐसे जागरूकता कार्यक्रम अपने सूचना और जनसंपर्क निदेशालय के सहयोग से चलाने की लिए प्रोत्साहित किया गया। उन्हेंऐसी गतिविधियों के लिए धन की उपलब्धता का आश्वासन भी दिया गया। पोल्ट्री तथा अंडों की खपत के बारे में क्या करें और क्या न करें विषय पर राज्यों को परामर्श जारी करना चाहिए ताकि अफवाहों और गलत सूचना के प्रसार और कुक्कुट पालकों के नुकसान को टाला जा सके।

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