नई दिल्ली: मध्य जिला दिल्ली की स्पेशल स्टाफ पुलिस ने भारत के सबसे बड़े वाहन चोर को गिरफ्तार किया है।पकड़े गए आरोपी की पहचान असम निवासी अनिल चौहान के रूप में हुई है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी अनिल ने खुलासा किया है कि 1990 के दशक से अब तक वह 8,000 से भी ज्यादा कारें चोरी कर चुका है।
बताया जा रहा है कि उसके खिलाफ दिल्ली, यूपी, हरियाणा और असम समेत बाकी राज्यों में कुल 181 मामले दर्ज होने का पता चला है। इनमें 146 मामले दिल्ली में ही दर्ज हैं। वाहन चोरी के अलावा अनिल को हथियार और गैंडे के सींग की तस्करी के लिए भी जाना जाता है।
बता दें कि अपनी राजनीतिक पहुंच की वजह से अनिल असम का क्लास वन सरकारी कॉन्ट्रेक्टर भी रहा है। वर्ष 2015 में प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपी अनिल के खिलाफ मामला दर्ज कर इसकी सारी संपत्ति को जब्त कर लिया था। अब पुलिस इससे पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।
मध्य जिला पुलिस उपायुक्त श्वेता चौहान ने बताया कि पिछले काफी समय से जिले का स्पेशल स्टाफ हथियारों की तस्करी करने वाले लोगों की जानकारी जुटा रहा था। इसी कड़ी में इंस्पेक्टर संदीप गोदारा, हवलदार दिलशाद व अन्यों की टीम को सूचना मिली कि वाहन चोर व हथियारों का बड़ा तस्कर अनिल देशबंधु गुप्ता रोड इलाके में आने वाला है। आरोपी को 23 अगस्त को देशबंधु गुप्ता रोड इलाके से चोरी की बाइक, एक पिस्टल और दो कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर लिया।
आरोपी की निशानदेही पर पांच पिस्टल, पांच तमंचे और चोरी की एक कार भी बरामद हुई। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि दिल्ली से बारहवीं करने के बाद उसने वर्ष 90 के दशक में कारें चोरी करना शुरू कर दिए। पहली कार उसने मारुति 800 चोरी की। इसके बाद लगातार वह दिल्ली से कारें चोरी करने के बाद उनको उत्तर-पूर्वी राज्य ले जाता था। वहां उनकी पहचान मिटाने के बाद उनको बेच दिया जाता था।
पुलिस के मुताबिक देश के सबसे बड़े कार चोर कहे जाने वाले आरोपी ने तीन शादियां की हैं। 32 साल के आपराधिक इतिहास में अनिल चौहान केवल दो बार गिरफ्तार हुआ था।