राष्ट्रीय

गलत पहचान से WhatsApp यूज करने पर बिना वॉरंट गिरफ्तारी

फर्जी दस्तावेज से सिम लेना भी पड़ेगा अब भारी, फ्रॉड रोकने के लिए इंडियन टेलिकम्यूनिकेशन बिल लाने की तैयारी

नई दिल्ली : गलत पहचान के साथ WhatsApp, Telegram या Signal जैसे ऐप्स को यूज करना या फर्जी डॉक्यूमेंट देकर सिम लेना आपको बिना वारंट के जेल भेज सकता है। यदि कोई यूजर ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे एक साल की जेल या 50 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। यह बातें इंडियन टेलिकम्यूनिकेशन बिल 2022 के ड्राफ्ट में कही गई हैं। इस विधेयक के साथ केंद्र सरकार ऑनलाइन आइडेंडिटी फ्रॉड के मामलों पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है।

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बिल के बारे में डिपार्टमेंट ऑफ कम्यूनिकेशन ने कहा कि इससे टेलिकॉम सर्विस का इस्तेमाल करके किए जाने वाले फ्रॉड्स पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। इसीलिए बिल में जहां जरूरत है वहां पहचान से जुड़े प्रावधानों में इसे शामिल किया गया है। बिल में इस अपराध को ‘cognisable’ बताया गया है। इसका अर्थ हुआ कि ऐसे फ्रॉड करने वाले को पुलिस बिना किसी वॉरंट के गिरफ्तार कर सकती है।

KYC के लिए अब और कड़े नियम
यूनियन टेलिकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नया बिल कई तरह के साइबर क्राइम पर रोक लगाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ओटीटी सर्विसेज के लिए पहले से कडे़ KYC नियम भी फ्रॉड्स की घटनाओं की कम करने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि कॉल रिसीव करने वाले यूजर को पता रहे कि अलग-अलग प्लैटफॉर्म्स से उसे कौन कौन कॉल कर रहा है। अभी डेटा और वॉइस कॉल के बीच का फर्क खत्म हो गया है। इसीलिए ओटीटी समेत सभी प्लैटफॉर्म्स को एक कानून के अंदर लाने की तैयारी हो रही है।

डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन ने टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी ट्राई से एक ऐसा सिस्टम तैयार करने के लिए कहा है, जिससे कॉल रिसीव करने वाले यूजर की स्क्रीन पर कॉलर का वह नाम डिस्प्ले हो जो KYC दस्तावेज में मौजूद है।