नई दिल्ली: भारत की स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड और डीआरडीओ ने मिलकर ओडिशा के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर 7 जून की देर शाम अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल (Agni prime ballistic missile) का परीक्षण किया।
अग्नि-पी नामक इस मिसाइल अग्नि सीरीज की नई पीढ़ी की मिसाइल है। जिसकी रेंज एक से दो हजार किलोमीटर है। 34.5 फीट लंबी मिसाइल पर एक या मल्टीपल इंडेपेंडटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल वॉरहेड लगा सकते हैं।
इस एक ही मिसाइल से कई निशाने पर हमला किया जा सकता है। यह मिसाइल उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक, थर्मोबेरिक या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। मिसाइल की नाक पर 1500 से 3000 किलोग्राम वजन के वॉरहेड लगाए जा सकते हैं। यह दो स्टेज के रॉकेट मोटर पर चलने वाली मिसाइल है।
तीसरा स्टेज यानी मैन्यूवरेबल रीएंट्री व्हीकल को दूर से नियंत्रित करके दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला किया जा सकता है। इसे बीईएमएल-टट्रा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से दागा जाता है। इसे तब बनाया गया जब चीन ने डीएफ-12डी और डीएफ-26बी मिसाइलें बनाईं। इसलिए भारत ने एरिया डिनायल वेपन के तौर पर इस मिसाइल को बनाया।