नई दिल्ली: इस दोहरे हत्याकांड में छोटा राजन पर साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। जबकि पुलिस ने दावा किया था कि छोटा राजन ने एक अखबार को दिए एक साक्षात्कार में अपनी भूमिका कबूल की थी।
इस मामले में मोहम्मद अली जान, प्रणय राणे और उम्मेदी भी आरोपी थे। लेकिन सरकारी तंत्र इस अपराध को साबित करने में नाकाम रहा। जांच में सबूतों के अभाव, शिनाख्त परेड में नाकामी और इस्तेमाल किए गए हथियारों और गोलियों का मिलान न होने के कारण आरोपियों को बरी कर दिया गया। ये आरोपी 12 साल से जेल में हैं।
बॉम्बे सत्र न्यायालय की विशेष सीबीआई अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एएम पाटिल ने आज ये फैसला सुनाया है।अभियोजन पक्ष के अनुसार जेजे मार्ग पुलिस थाने के पास फायरिंग हुई थी। चार लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया था। अंधाधुंग फायरिंग में आसिफ खान के अलावा तीन और लोग घायल हो गए थे। हालांकि, आसिफ खान किसी तरह जान बचाकर घटनास्थल से भाग गया था। जबकि खान से मिलने गए शकील मोदक और आसिफ कुरैशी की मौके पर ही मौत हो गई थी। बता दें कि शकील मोदक एक कांग्रेस नेता भाई जगताप के निजी सचिव थे, जबकि कुरैशी मोदक के दोस्त थे।
इस अंधाधुंध फायरिंग के बाद छोटा राजन पर आरोप लगे थे। कहा गया था कि आसिफ खान दाऊद के प्रतिद्वंद्वी अंडरवर्ल्ड गिरोह का करीबी सहयोगी था। इस मामले में पुलिस ने मोहम्मद अली जॉन मोहम्मद शेख और प्रणय मनोहर राणे को गिरफ्तार किया था। आगे की जांच में उम्मेद शेख और अदनान सैय्यद का नाम आने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया गया था।