नई दिल्ली: हिंदी सिनेमा में साधना एक ऐसा नाम है जिससे शायद ही कोई वाकिफ न हो। अपनी दमदार अदाकरी और अपने खास हेयर कट के लिए साधना को हिंदी सिनेमा में एक अलग रुतवा एक अलग पहचान मिली थी। बता दें कि उनकी अदाकरी और उनके हेयर कट को लोग आज भी याद करते हैं।
दरअसल साधना हेयर कट उन्हें आरके नय्यर ने हॉलीवुड एक्ट्रेस ऑड्रे हेपबर्न से प्रेरित होकर दिया था…वहीं नय्यर साहब की ये कोशिश साधना की पहचान बन गई।
बता दें कि साधना का जन्म 2 सितंबर को कराची के एक सिंधी परिवार में हुआ था 1941 के भारत-पाक बंटवारे के बाद साधना अपने परिवार के साथ मुंबई शिफ्ट हो गईं उनके पिता ने उनका नाम एक्ट्रेस साधना बोस के नाम पर साधना रखा।
दरअसल निर्माता सशाधार मुखर्जी की फिल्म “लव इन शिमला” से बतौर अभिनेत्री साधना ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की। आर के नय्यर ने निर्देशन किया जॉय मुखर्जी और साधना ने मुख्य भूमिका निभाई। राजेंद्र कृष्ण के गीत और इकबाल कुरैशी का संगीत…फिल्म सफल रही और इसने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया।
एक इंटरव्यू में आरके नैयर ने कहा था कि साधना ने अपने माथे के लिए एक परफेक्ट जेन बनाई थी। मैंने सोचा कि इसे कैसे छिपाया जाए..हमने अलग-अलग हेयर स्टाइल और विग के साथ प्रयोग किया, लेकिन कुछ भी सही नहीं लगा..अंत में, मैंने ऑड्रे हेपबर्न जैसी फ्रिंज को आजमाने का फैसला किया।
बता दें कि साधना कट एक्ट्रेस का सिग्नेचर लुक था और उन्हें कई फिल्मों में हेयरडू के साथ देखा गया था। साधना ने अपने पूरे करियर में कई फिल्मों में अभिनय किया। जैसे कि पारख, हम दोनों, असली-नकली, एक मुसाफिर एक हसीना, राजकुमार, वो कौन थी, आरज़ू, वक्त, मेरा साया, एक फूल दो माली और इंतकाम।
दरअसल साधना ने अपने फिल्मी करियर में करीब 30 फिल्मों में काम किया लेकिन साधना को कभी कोई भी अवार्ड नहीं मिला। फिल्मी करियर छोड़ने के 8 साल बाद साधना को IIFA ने 2002 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।