मनोरंजन

‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के 7 कैटेगरी में नॉमिनेट, विवेक नहीं लेंगे अवॉर्ड

विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) ने अपनी रिलीज के साथ देशभर में तहलका मचा दिया था। कश्मीर पंडितों के दर्द पर आधारित इस फिल्म की खूब तारीफ हुई थी और दर्शकों ने इसे काफी पसंद भी किया था। इस फिल्म को 68वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में 7 कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है

मुंबई: विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) ने अपनी रिलीज के साथ देशभर में तहलका मचा दिया था। कश्मीर पंडितों के दर्द पर आधारित इस फिल्म की खूब तारीफ हुई थी और दर्शकों ने इसे काफी पसंद भी किया था। इस फिल्म को 68वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में 7 कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है, लेकिन डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री का कहना है कि उन्हें ये सब नहीं चाहिए और फिल्मफेयर को मुंह पर ना कह दिया है।

अवॉर्ड लेने से मना करने की बात का कारण भी उन्होंने अपने लंबे बयान में दिया है। विवेक ने ट्विटर पर अपनी बात रखते हुए लिखा-मुझे मीडिया से पता चला है कि द कश्मीर फाइल्स को 7 कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला है, लेकिन मैं इन अनैतिक और सिनेमा के विरुद्ध अवॉर्ड्स को नम्रता से नकारता हूं और इस कारण भी बताता हूं।

उन्होंने लिखा-फिल्मफेयर के मुताबिक, स्टार्स के अलावा किसी का कोई चेहरा नहीं है। किसी के होने ना होने से फर्क नहीं पड़ता। फिल्मफेयर की अनैतिक दुनिया में मास्टर डायरेक्टर, जैसे संजय लीला भंसाली और सूरज बड़जात्या के कोई चेहरे नहीं हैं। भंसाली की पहचान आलिया भट्ट से होती है, सूरज की मिस्टर अमिताभ से और अनीस बज्मी की कार्तिक आर्यन से। ऐसा नहीं है कि फिल्मफेयर अवॉर्ड से किसी फिल्मकार की इज्जत बढ़ती है लेकिन ये शर्मिंदगी का सिस्टम खत्म होना चाहिए।

विवेक ने आगे कहा कि इसलिए मैं बॉलीवुड के इस भ्रष्ट, अनैतिक और चापलूसी भरे अवॉर्ड को नकारता हूं। मैं ऐसा कोई अवॉर्ड नहीं लूंगा। मैं ऐसे भ्रष्ट और दबाव डालने वाले सिस्टम का हिस्सा बनने से इनकार करता हूं, जो राइटर, डायरेक्टर, दूसरे HOD और क्रू मेंबर्स को स्टार्स से नीचा और उनका गुलाम समझता है। जो लोग जीतेंगे उन्हें मेरी तरफ से बधाई। अच्छी बात ये है कि मैं अकेला नहीं हूं। धीरे-धीरे एक समानांतर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री खड़ी हो रही है। तब तक… सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।